बुरहानपुर[रिजवान अंसारी]। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के इतिहास में पहली बार किसी अपराध को लेकर डीएनए टेस्ट ने सच उगला है। इसके तहत आई रिपोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी जनशिक्षक और उसके एक साथी को बेकसूर करार दिया है। पुलिस अब झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने वाली महिला पर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। उसे इसके लिए तीन साल तक की सजा भी हो सकती है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने 15 दिन में ही तमाम जांच के बाद इसका खुलासा कर दिया। एसपी अविनाश शर्मा ने इस मामले से अवगत कराया। उनके साथ एएसपी सत्येंद्रसिंह तोमर, सीएसपी कमल मौर्य और एसडीओपी आरके पुरी भी मौजूद थे।
एसपी अविनाश शर्मा ने बताया कि महिला ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने से पहले झूठी कहानी गढ़ी थी। यही नहीं उसने घर के कमरे में बलात्कार के तमाम सबूत बिखेरे थे। यहां चूडियां तोड़कर फेंकी गई थीं। दूसरे दिन सुबह महिला बलात्कार की शिकायत लेकर थाने पहुंची। उसने बताया मैं रात में लघुशंका के लिए उठी। इसी दौरान जनशिक्षक और उसका साथी संतोष घर में घुस आए और दुष्कर्म किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने खकनार के बजाय बुरहानपुर के शिकारपुरा थाने में केस दर्ज किया। दूसरे दिन 21 जनवरी को ही जनशिक्षक के खून के नमूने लेकर लैब में भेज दिए गए।
एसपी अविनाश शर्मा ने बताया डीएनए टेस्ट से सच उजागर होने के बाद जनशिक्षक को राहत मिली है। मामले में झूठी शिकायत करने वाली महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उसे तीन साल तक की सजा भी हो सकती है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए एसपी ने कहा दोषी महिला को सजा दिलाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। इससे बलात्कार के झूठे मामलों पर लगाम लग सकेगी। आइंदा कोई भी महिला इस तरह की झूठी रिपोर्ट दर्ज नहीं कर सकेगी। उन्होंने बताया पहले डीएनए टेस्ट लगभग 40 हजार रुपए में होता था। इसके लिए हैदराबाद सहित अन्य शहरों पर निर्भरता थी। अब प्रदेश में ही यह सुविधा मिलने से ऐसे मामलों में राहत मिलेगी। पुलिस का कहना है कि इस मामले मे जल्द डीएनए रिपोर्ट आने एवं मामला झूठा निकलने के बाद पुलिस के पास बलात्कार के झूठे मामले लेकर आने वालो को भी कानूनी कार्यवाही का डर रहेंगा और झूठे मामले आने से रुकेंगे।
यह था मामला
खकनार थाना अंतर्गत परेठा में 20 जनवरी को महिला ने जनशिक्षक रामलाल अखंडे पर बलात्कार का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और जनशिक्षक सहित उसके साथी संतोषी श्रीवास के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की। घटना से एक महीने पहले महिला के पति मनोज यदुवंशी ने जनशिक्षक की 14 साल की नाबालिग भतीजी के साथ ज्यादती की थी।
इसके तहत वह जेल में है। पुलिस ने इस बिंदू को ध्यान में रखा और इसी दिशा में जांच-पड़ताल की। सच जानने के लिए जनशिक्षक के ब्लड का नमूना लेकर डीएनए टेस्ट के लिए एफएसएल लैब सागर भेजा गया। यहां से 15 दिन में ही आई रिपोर्ट ने जनशिक्षक को बेकसूर करार दिया। इस पर पुलिस ने केस खारिज कर दिया है।