भोपाल। कांग्रेस विदिशा महासम्मेलन को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है। प्रभारी बीके हरिप्रसाद इसे एतिहासिक बनाना चाहते हैं परंतु कांग्रेसी ही इस महासम्मेलन को फेल करने में भी जुटे हुए हैं। हाईप्रोफाइल लीडर्स में कमलनाथ ने इस सम्मेलन में शिरकत से इंकार कर दिया है जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं दिग्विजय सिंह ने अभी तक ने अपना प्रोग्राम कन्फर्म नहीं किया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए नाक का सवाल बन चुके इस महासम्मेलन में दो लाख कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन सभी जानते हैं कि जब तक कांग्रेस के सभी गुट एकजुट नहीं होंगे, दो लाख की संख्या तक पहुंचना संभव नहीं है।
राजगढ़ की संख्या पूरी तरह से दिग्विजय सिंह पर निर्भर करती है। वो इस सम्मेलन को सपोर्ट भी कर रहे हैं परंतु अभी तक उन्होंने अपना दौरा कार्यक्रम कन्फर्म नहीं किया है। शायद वो ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतीक्षा में हैं और उन्हें देखकर ही अपनी रणनीति बनाएंगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अभी तक अपना दौरा कन्फर्म नहीं किया है। विदिशा से ट्रेन रूट पर पड़ोसी जिले गुना एवं अशोकनगर से अच्छी संख्या आ सकती है, परंतु यह तय करेगा कि सिंधिया आ रहे हैं या नहीं और यह अभी तक फाइनल नहीं हुआ है। आज सुबह भूरिया के सिंधिया विरोध के बाद अब उम्मीद कम ही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके साथ मंच शेयर करने का मूड बनाएं।
इधर कमलनाथ मध्यप्रदेश में ही रहेंगे परंतु महासम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने अपना दौरा कार्यक्रम जारी कर दिया है और वो छिंदवाड़ा के आयोजनों में शामिल होंगे।
कुल मिलाकर विदिशा के महासम्मेलन की सफलता खतरे में आ गई है। गुटबाजी साफ दिखाई दे रही है और यह पूरी तरह से भूरिया गुट का शक्तिप्रदर्शन माना जा रहा है जिसे फेल करने के लिए कांग्रेसी एलीमेंट तेजी से एक्टिव हो चुके हैं। देखते हैं रविवार को विदिशा में क्या कुछ दिखाई देता है।