पोस्टमार्टम के लिए तरस रहीं हैं नाबालिग बहनों की लाशें, शुक्रवार को मिले थे शव

shailendra gupta
घोड़ाडोंगरी। यहां एक कुऐं में शुक्रवार को मिलीं दो नाबालिग बहनों की लाशें पीएम के लिए तरह रहीं हैं। शनिवार का पूरा दिन निकल गया परंतु उनका पीएम नहीं हो सका और पीएम न होने के कारण उनकी मौत का कारण भी पता नहीं चल पाया। दोनों लाशें अस्पताल परिसर में ट्राली में रखी हुईं हैं और परिजन वोट जोह रहे हैं, कब डॉक्टर आए और पीएम करे। 

विकासखंड मुख्यालय से चार किमी की दूरी पर स्थित घुग्घी चोपना गांव में शुक्रवार की रात दो नाबालिग बहनो के शव कुंए में मिलने से सनसनी फैल गई है। गांव के ही गरीब किसान परिवार की यह दोनो चचेरी बहनें शुक्रवार की दोपहर खेत जाने का कहकर घर से निकली थी तो फिर नहीं लौटी। परिजनों द्वारा की गई खोजबीन उपरांत दोनों बहनों के शव खेत में बने कुंए से बरामद हुए हैं। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर शव कुंए से निकलवाकर पोस्टमार्टम हेतु भिजवाए हैं। 

चौकी प्रभारी विकास कपिस ने बताया कि अभी मामलें में विवेचना जारी है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही घटना के बारे में कुछ कहना संभव होगा। उन्होने बताया कि मृतका के परिजनों से प्राप्त जानकारी अनुसार घुग्घी चोपना के माजू और मुंशी मर्सकोले की 16 वर्षीय बेटियां खेत जाने का कहकर शुक्रवार को पूर्वान्ह 11 बजे घर से निकली थी। देर शाम तक जब वे वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की। खोजबीन के क्रम में देर रात उनकी चप्पल खेत के कुंए के पास मिलने पर परिजनों को आशंका हुई तो उन्होने कुंए में शिकंजा डालकर खोजबीन की। इस खोजबीन के दौरान शिकंजे में एक शव फंसकर उपर आ गया। इसके उपरांत परिजनों ने पुलिस को भी सूचना दे दी। 

पुलिस के पहुंचने पर दूसरा शव भी कुंए में शिकंजा डालकर निकाला गया। कपिस ने बताया कि मामला गंभीर है लेकिन अभी तक यही जानकारी हाथ लगी है। आगे की कार्यवाही के लिए वे गांव में विवेचना कर रहे हैं और पोस्टमार्टम होने के बाद भी घटना के संबंध में कुछ सूत्र मिलने की उम्मीद है। पुलिस ने चिकित्सकों को पोस्टमार्टम के दौरान गर्भ परिक्षण सहित अन्य टेस्ट भी करने को कहा है।


नहीं किया पोस्टमार्टम


एक ही परिवार की दो नाबालिक चचेरी बहनों के शव मिलने की सनसनीखेज और दर्दनाक घटना के बाद भी मामले में स्वास्थ्य विभाग का रवैया असवंदेनशील ही रहा है। इस दर्दनाक घटना में मृतक के परिजनों को पोस्टमार्टम के इंतजार में ट्राली में शव रखकर अस्पताल परिसर में रात गुजारने की मजबूरी आन खड़ी हुई है। चौकी प्रभारी विकास कपिस ने बताया कि पुलिस ने सारी औपचारिकताएं पूर्ण कर शनिवार अपरान्ह चार बजे ही शव पोस्टमार्टम हेतु अस्पताल भिजवा दिए थे, लेकिन अस्पताल के चिकित्सकों ने विभिन्न कारण बताते हुए उस समय उनका पोस्टमार्टम करने में असमर्थता व्यक्त की। 

इस संबंध मे बीएमओ डॉ अंसारी से बात करने पर उन्होने स्वीकार किया कि चार बजे शव आ गए तो पोस्टमार्टम किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है तो यह गलती है। उन्होने कहा कि मैं पता करवाता हूं कि इस मामले में किसकी लापरवाही रही है। बहरहाल लापरवाही चाहे जिस भी चिकित्सक की रही हो लेकिन ऐसी दर्दनाक घटना के बाद पोस्टमार्टम के लिए शव रात भर ट्रॉली में पड़े रहे तो यह नि:संदेह असंवेदनशीलता है। चिकित्सकों के ऐसे रवैये में सुधार की दरकार है।

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