सिवनी में आंवले से बड़े ओले: बाजार बना तालाब, दो दर्जन गांव प्रभावित

shailendra gupta
सिवनी/ शनिवार की शाम साढे पांच बजे से रूक रूककर हुई दो बार की ओला वृष्टि से सिवनी के समीपवर्ती किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं। जिले के सिवनी एवं छपारा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक ग्राम ओला वृष्टि से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

आंवले और उससे बड़े आकार तक के ओले सिवनी नगर और उसके दक्षिणी हिस्से के ग्राम सीलादेही, बोरदई, खैरी, सिमरिया, फरेदा सहित अन्य दूसरे गांवों में दस से पंद्रह मिनटकी दो बार की ओला वृष्टि ने किसानों को बड़ा नुकसान दे गई है।


बीदर फसल जमीदोंज


ओला वृष्टि के कारण चना, तिवड़ा, मसूर, मटर सहित अन्य दलहन फसलें इससे चौपट हो गई हैं। गेहूं की अच्छी फसल पर भी ओले का असर हुआ है। पांच से दस मिनट की लगातार ओला वृष्टि के बाद नदी नालों सड़कें और मकानों के किनारे जमी परत घुलने में आधा घंटा लग गए था। इस ओला वृष्टि से सिमरिया और खैरी के खपरे फूटने से कच्चे और टपरैल मकान में रहने वाले लोगों को तेज बारिश में दूसरे घरों का सहारा लेना पड़ा।


पेड़ पौधों के पत्ते झड़े


आम की अच्छी बौर इन दिनों देखी जा रही थी किंतु ओला वृष्टि की मार से बौर के साथ साथ आम के पत्ते तक झड़ गए हैं। कई पीपल के वृक्ष पत्ते विहीन हो गए हैं।

झाड़ों मे घोंसला बनाए बैठे पक्षी भी इससे मारे गए हैं। तेज ओलावृष्टि से खपरें फूटने और मिट्टी की दीवार के टपरे ढहने के समाचार भी कई ग्रामों में मिले हैं। छतों में छाया के लिए लगाई गई पन्नी (प्लास्टिक) भी इस ओला वृष्टि से क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

जिले के घंसोर, धूमा, बरघाट, केवलारी, पलारी, धनोरा आदि क्षेत्रों से हमारे संवाददाताओं ने बताया कि तेज बारिश तो चौतरफा हुई है किंतु उक्त क्षेत्र ओला वृष्टि के समाचार कही भी नही मिले हैं। ग्रामीण अंचल के कई ग्रामों में ओला वृष्टि से बड़ी संख्या में पक्षियों की मृत्यु के समाचार भी मिले हैं।


जलमग्न हुआ बुधवारी


नगर का प्रमुख बाजार बुधवारी बाजार क्षेत्र से गुजरने वाले मार्ग में घुटनों तक पानी देर तक भरा रहा। पानी का निकास नहीं होने से बहाव रूकने के कारण कुछ देर के लिए यहां आवागमन भी थमा रहा।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!