भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भोजशाला मुद्दे पर भाजपा सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा है इस संवेदनशील मुद्दे पर वे आरएसएस से चर्चा करने क्यों गए, उसकी वैधानिकता क्या थी ? उन्होंने कहा कि वे इस बात का खुलासा करें कि उनकी भोजशाला मुद्दे पर आरएसएस के लोगो से क्या चर्चा हुई।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में कहा कि भोजशाला मुद्दे पर आपको संघ नेताओं से चर्चा करने की क्या आवश्यकता पड़ी और उसका औचित्य क्या था। उन्होंने कहा कि जो संघ साम्प्रदायिक विचारों के लिए जाना जाता है, और जिसकी हमेशा से भोजशाला के मामले में एक पक्षीय राय रही है उससे इस प्रदेश का मुख्यमंत्री अपने मंत्री के साथ चर्चा करने जाए घोर निंदनीय है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस कदम से प्रदेश की साड़े सात करोड़ जनता विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय भयभीत है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने पत्र में लिखा की भोजशाला मुद्दे पर सरकार का रवैया बेहद लापरवाही पूर्ण और गैर जिम्मेदाराना है। प्रभारी मंत्री को वहां जाने से रोका जा रहा है वहीं एक मंत्री कह रहे कि मुझे पूरी जिम्मेदारी देंगे तब वे वहां जाएंगे। ये कौन सा तरीका है सरकार का एक संवेदनशील मुद्दे से निपटने का। श्री सिंह ने कहा कि मुझे आशंका है सरकार जानबूझ कर इस मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रही है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने पत्र में लिखा कि भोजशाला सहित पूरे प्रदेश में अनेक स्थानों पर साम्प्रदायिक तनाव की घटनाएं बढ़ी है। हाल ही में सिवनी में एक साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने वाली घटना हुई। घटना दिनांक से आज तक नित-नए ऐसे प्रयास हुए। सरकार ने घटना को गंभीरता से लेने के बजाए ऐसे तत्वों के हौसलों को बढ़ाया जिससे वहां कर्फ्यू लगाने की नौबत आ गई।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई। उन्होंने कहा कि जबलपुर, बुराहनपुर, नीमच, रतलाम जैंसे कई स्थान ऐसे है जहां जब-तब साम्प्रदायिक तनाव हुआ। उन्होंने पत्र में लिखा कि जन सत्याग्रह में लोकप्रियता पाने के लिए मुख्यमंत्री के पास आगरा जाने की फुर्सत है लेकिन उन्हें प्रदेश के साम्प्रदायिक सद्भाव और कानून व्यवस्था से जुडे संवेदनशील गंभीर मुद्दो के लिए समय नहीं है। श्री सिंह ने पत्र में लिखा कि यह अच्छा होता कि मुख्यमंत्री धार जाते और भोजशाला के मुद्दे पर दोनो पक्षों से चर्चा कर इस मसले का सर्वमान्य समाधान निकालते।
श्री सिंह ने पत्र में लिखा कि प्रदेश में जहां-जहां साम्प्रदायिक तनाव हुआ वहां पर भी मुख्यमंत्री ने जाना उचित नहीं समझा। इस प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते उनका यह नौतिक दायित्व था जिस के निर्वहन करने में उन्होंने कोताही बरती। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से कहा कि प्रदेश में चुनाव नजदीक आते देख सुनियोजित तरीके से साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की जो कोशिश हो रही है उस पर वे सख्ती से रोक लगाएं।
वे अल्पसंख्यक समुदाय सहित प्रदेश की साड़े सात करोड़ जनता के अंदर यह विश्वास पैदा करें कि आप ऐसी घटनाओं को बर्दाशत नहीं करेंगे और ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाएंगे जो तनाव बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि वे धार जाएं और वहां की जनता को यह विश्वास दिलाएं कि बसंत पंचमी को सरकार लोगों की हिफाजत के लिए कटिबद्ध है।
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सीएम को लिखा पत्र |