श्योपुर/ भोपाल से जिला अस्पताल का निरीक्षण करने आए स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर डॉ. पीएनएस चौहान उस समय भौचक्के रह गए, जब उनके सामने ही एक महिला का अस्पताल की देहरी पर प्रसव हो गया। प्रसव होते समय कोई भी अस्पताल का डॉक्टर और कर्मचारी मौजूद नहीं था। फिर क्या था डायरेक्टर चौहान आगबबूला हो गए और उन्होंने स्वास्थ्य अफसरों को खरी-खोटी सुना डाली।
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर डॉ. पीएनएस चौहान यहां जिला चिकित्सालय सहित स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने के लिए आए थे। सुबह साढ़े ग्यारह बजे जैसे ही डायरेक्टर अस्पताल के मुख्य द्वार पर पहुंचे, उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल हालत नजर आ गई। मसलन अस्पताल के मुख्य दरवाजा स्थित सड़क पर ही मेहरबानी गांव की रहने वाली गुड्डी बाई कुशवाह की डिलेवरी हो गई और उसने एक बालिका को जन्म दे दिया।
डायरेक्टर चौहान जिला अस्पताल में ही यह हालात देखकर चौंक गए। उन्होंने पहले महिला के साथ आए परिजनों से चर्चा की। महिला के पति भंवरसिंह ने बताया कि सुबह 7 बजे वह अपनी पत्नी को कराहल अस्पताल में प्रसव के लिए लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने उसे ऑपरेशन होने की बात कहकर जिला अस्पताल भेज दिया। जिला अस्पताल पहुंचने ही उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। उसने अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी बताया, लेकिन काफी देर तक कोई भी नर्स और डॉक्टर मौके पर नहीं पहुंचा।
इसलिए महिला को अस्पताल के दरवाजे पर ही डिलेवरी हो गई। स्वास्थ्य सेवाओं की यह बदहाल हालात देखते ही डायरेक्टर भड़क उठे। निरीक्षण के दौरान शामिल सीएमएचओ, सिविल सर्जन सहित डॉक्टरों से डायरेक्टर ने सवाल-जवाब कर डाले। इस घटनाक्रम के बाद डायरेक्टर ने अस्पताल में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने ओपीडी, मेल-फिमेल वार्ड आदि का जायजा लिया।
मरीजों का रिकॉर्ड नहीं मिला दुरुस्त
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर डॉ. चौहान ने इंफेक्शन के दौरान अस्पताल के डॉक्टरों की खासी क्लास ली। डॉ. रेखा यादव, श्वेता सिंहल, बीएल यादव, एके गर्ग के पास मरीजों की जानकारी दुरुस्त नहीं मिलने पर डायरेक्टर ने नाराजगी जताई। साथ ही चिकित्सकों को हिदायत दी कि वे मरीजों की सूची को नियमित अपडेट करें।
इनका कहना है
मैने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाएं देखी है। जो कमियां मिली है, उनमें सुधार करने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. पीएनएस चौहान
डायरेक्टर, स्वास्थ्य विभाग-भोपाल