भोपाल। संयुक्त अध्यापक मोर्चा की मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से बातचीत बिफल हो गई है एवं तय किया गया है कि आंदोलन जारी रहेगा। इधर सरकार ने दोहराया है कि आंदोलन अवैध है एवं इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।
मध्यप्रदेश में अध्यापकों के आंदोलन के मामले में सरकार दोहरा रवैया अपना रही है। इधर मंत्रीगण आंदोलनकारियों के प्रति नरम बातचीत कर रहे हैं तो उधर प्रशासनिक अधिकारी आंदोलन को अवैध बताकर आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।
सोमवार को इस आंदोलन में मध्यप्रदेश के दो लाख से ज्यादा अध्यापक शामिल हुए एवं प्रदेश के 80 हजार से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई। 40 हजार से ज्यादा स्कूलों के तो ताले भी नहीं खुले। सबसे ज्यादा प्रभाव मध्यप्रदेश के उन ग्रामीण स्कूलों में देखने को मिला जो पूरी तरह से संविदा शिक्षकों एवं अध्यापकों के भरोसे चल रहे हैं।
इस आंदोलन की शुरूआत के बाद आज मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए बुलाया परंतु दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई। बाहर निकले कर्मचारी नेताओं ने आंदोलन को जारी रखने की घोषणा की है।