भोपाल। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जे.पी. धनोपिया ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार और उसके मुख्यमंत्री संवेदनहीन हैं। यही कारण है कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में संविदा श्रमिकों को समान कार्य समान वेतन देने की बात को जगजाहिर करते हुए ऐन-केन-प्रकारेण शिक्षक वर्ग के वोट हथियाकर सरकार तो बना ली और उसके बाद आज तक संविदा शिक्षकों के हितों की अनदेखी की जा रही है।
समान कार्य समान वेतन की मांग अध्यापकों का अधिकार है, जिसे पूरा करना प्रदेश सरकार की ड्यूटी है, लेकिन झूठी, खोखली घोषणाओं के सहारे रेंग रही सरकार अपने उन वायदों को भी भूल गई है, जिनकी पूर्ति करने से समाज के एक महत्वपूर्ण शिक्षक वर्ग के हित पूरे हो सकते हैं, लेकिन भाजपा की दोगुली नीति के कारण शिक्षकों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है।
श्री धनोपिया ने समान कार्य, समान वेतन की मांग कर रहे अध्यापकों एवं उनके परिजनों की महिला सदस्यों द्वारा उनकी मांगों को पूरी करने के संबंध में ज्ञापन देने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से मुख्य मंत्री निवास की ओर जाने पर प्रदेश के संवेदनहीन मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चैहान के इशारे पर महिलाओं के साथ पुलिस द्वारा बर्बरता से लाठी चार्ज किया गया, जिसमें कई महिला अध्यापकों एवं उनके परिवार की महिलाओं को गंभीर चोटें आई हैं और प्रदेश की निरंकुश भाजपा सरकार के कान पर कोई जूं तक नहीं रेंग रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रदेश के मुख्य मंत्री से मांग की है कि शिक्षक, शिक्षक होता है, उनके वेतन में किसी प्रकार की विसंगति रखना गलती नहीं, बल्कि एक छलावा है। इसलिए प्रदेश में शिक्षकों द्वारा किये जा रहे उनके जायज आंदोलन पर गंभीरता से विचार करते हुए उनकी मांगों को तुरंत स्वीकार कर असमान वेतन की विसंगतियों को दूर किया जाना चाहिए, जिससे कि लाखों छात्रों का, जिनकी वार्षिक परीक्षा सर पर है, शिक्षकों के आंदोलन के कारण छात्रों की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ने से उनका भविष्य भी अंधकारमय होता प्रतीत हो रहा है।
यदि प्रदेश की भाजपा सरकार ने शिक्षकों की समान कार्य, समान वेतन की मांग को पूरा नहीं किया तो आने वाले विधान सभा चुनाव में शिक्षकों एवं उनके परिवारों द्वारा इसका करारा जवाब दिया जाएगा।