इंदौर। पूर्व केंद्रीय मंत्री, मप्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकिशन मालवीय का मंगलवार सुबह आकस्मिक निधन हो गया। उन्हें पीठ में ट्यूमर हो जाने के कारण बाम्बे हास्पिटल में भर्ती करया गया था। मंगलवार सुबह करीब सात बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनका अंतिम संस्कार अपराह्न 3 बजे बिचौली हप्सी श्मशान घाट पर होगा। मालवीय कांग्रेस के निष्ठावान नेताओं में शुमार थे। उन्होंने अपना राजनीतिक कैरियर प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी के कार्यकाल में शुरू किया था और ताजिंदगी वे कांग्रेस में ही रहे।
1988 से 1990 तक वे राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में श्रम मंत्री रहे। वे पहली 1972 में सांवेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। उसके बाद 1982 से लगातार तीन मर्तबा राज्यसभा में चुने गए थे।
मालवा क्षेत्र के किसानों, हरिजनों और इंदौर जिले की राजनीति पर उनकी गहरी पकड़ थी और उन्होंने गरीबों, पिछड़ों और दलितों की मदद की। संप्रति, वे अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष थे। उनके निधन की खबर मिलते ही सैकड़ों कार्यकर्ता उनके बिचौली हप्सी स्थित निवास पर पहुंच गए।
कांग्रेस में शोक की लहर
मालवीय के निधन का समाचार मिलते ही कांग्रेस में शोक व्याप्त हो गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, संगठन महामंत्री रवि जोशी, प्रवक्ता मानक अग्रवाल, इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टंडन, विधायक सत्यनारायण पटेल, तुलसी सिलावट, इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अंतरसिंह दरबार आदि ने मालवीय के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है।