बालाघाट। एक साल से भी कम अंतराल में आये न्यायालयीन फैसले में तीन हत्यारो को अजीवन कारावास और अर्थदण्ड के जुर्माने से दंडित किया गया है। 18 फरवरी की शाम बालाघाट न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता की अदालत ने हत्या के आरोपी रमेश पिता सम्पतलाल ठाकरे, नूतन पिता सुखीलाल रावते और नरेश पिता मुन्नालाल चौधरी को हत्या का दोषी मानते हुए धारा 302, 34 के तहत आजीवन कारावास और 201,34 के तहत 3-3 वर्ष का कठोर कारावास और अर्थदण्ड से दंडित किया है।
उल्लेखनीय हो कि देवरबेली चौकी अंतर्गत लोड़मा में 13 मई 2012 को की गई सुनील पिता मन्नालाल चौधरी की हत्यारो ने हत्या कर उसे सोन नदी के किनारे झाड़ी में फेंक दिया गया था।
जिसकी लाश दूसरे दिन 14 मई को पुलिस ने बरामद की। शव पंचनामा कार्यवाही के बाद पोस्टमार्टम करवाया गया था। जिसकी रिपोर्ट में पुलिस को पता चला था कि सुनील की हत्या गला दबाकर की गई है। चूंकि तत्कालीन समय हत्यारो के बारे में कोई सुराग नहीं होने के कारण मामला अज्ञात के खिलाफ दर्ज कर जांच में लिया गया था। सुनील की मौत की जांच कर रही पुलिस को पता चला कि सुनील के छोटे भाई नरेश ने साथी और रिश्तेदार रमेश ठाकरे और नूतन रावते के साथ मिलकर सुनील की गला दबाकर हत्या की और किसी को इसका पता न चले इसके लिए उन्होने नदी के किनारे लाश को झाड़ी में फेंक दिया था।
सुनील की हत्या के बारे में आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि सुनील छोटे भाई नरेश की पत्नि के साथ छेड़छाड़ था। बहरहाल अंधे हत्याकांड के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर देवरबेली पुलिस चौकी ने मामले का पर्दाफाश कर दिया था। जिसके बाद यह मामला न्यायालय पहुंचा। जहां सुनवाई उपरांत 18 फरवरी को आये फैसले में माननीय न्यायाधीश श्री गुप्ता ने सुनील की हत्या में आरोपी रमेश, नूतन और नरेश को दोषी मानते हुए आजीवान कारावास की सजा से दंडित किया है।