भोपाल। संविलियन और समान वेतन की मांग को लेकर अध्यापकों का आंदोलन आज दूसरे दिन भी जारी रहा। इधर मध्यप्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया और सरकार की ओर से संतोषजनक जबाव नहीं मिलने पर वॉकआउट किया। सदन स्थगित कर दिया गया।
अध्यापकों का मुद्दा आज विधानसभा में छाया रहा। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता चौधरी राकेश सिंह ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी से चर्चा कराने की मांग की। लेकिन जब रोहाणी ने तत्काल चर्चा कराने से इंकार कर दिया तो कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया।
इस संबंध में उपनेता चौधरी ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि अध्यापकों ने अपनी मांगों के मामले में सहयोग करने के लिए सभी विधायकों को पत्र लिखा था। चौधरी का आरोप है कि सरकार अध्यापकों की मांग नियमितिकरण और समयमान वेतनमान को लागू करने के मामले में कोई जवाब नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में अध्यापकों को नियमित करने का उल्लेख था, लेकिन सरकार इस वायदों को पूरा करने से मुकर रही है।
उधर, सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीर है। उनका आरोप है कि दिग्विजय सरकार ने प्रदेश में शिक्षकों को 5-5 सौ रुपए देकर कर्मी कल्चर की शुरुआत की थी, लेकिन शिवराज सरकार ने इन शिक्षकों का वेतन 17 हजार तक करके इस कल्चर को खत्म किया है।