भोपाल। राजधानी की बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में हुई छेड़छाड़ के मामले में जांच रिपोर्ट आ गई है। 60 हजार रुपए के भुगतान के बाद जो रिपोर्ट सामने आई उसमें कहा गया है कि छ़ात्राओं के साथ कोई छेड़छाड़ हुई ही नहीं और जिन्हें पीटा गया वो यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट ही नहीं थे।
सनद रहे कि बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में छात्राओं के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले ने जबर्दस्त तूल पकड़ा था और इसे लेकर काफी हंगामा हुआ। यूनिवर्सिटी प्रशासन शुरू से ही इस मामले को दबाने में लगा हुआ था और उसकी कोशिश थी कि मामले को सिरे से ही खारिज कर दिया जाए, अंतत: हुआ भी वही।
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में दो छात्राओं से हुई छेड़छाड़ और उनके साथियों से हुई मारपीट के मामले की जांच कर रही दो सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिन छात्रों के साथ मारपीट हुई वे बीयू के छात्र थे ही नहीं।
इसमें मामले से से संबंधित सभी प्रोफेसरों को क्लीन चिट दे दी गई है। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक छात्राओं ने अपने बयान में कहा है कि न उनके साथ किसी ने दुर्व्यवहार किया और न उनके साथ मारपीट हुई।
अब बीयू प्रशासन फरियादी छात्रों की पहचान कराने के लिए नए सिरे से जांच की बात कह रहा है। बीयू के रजिस्ट्रार संजय तिवारी का यह भी कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग की जांच कमेटी को देखना चाहिए था कि छात्र यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं या नहीं।