भोपाल। केन्द्र सरकार ने बैंक कर्मचारियों से बुधवार से प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल में शामिल नहीं होने की अपील करते हुए कहा है कि वास्तव में इसकी कोई जरूरत नहीं है।
सरकार ने मंगलवार को बयान में कहा कि यह दु:खद है कि बैंक कर्मचारियों का एक तबका हड़ताल में शामिल होने का निर्णय किया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, जहां तक बैंक कर्मचारियों का संबंध है, वास्तव में उन्हें हड़ताल में शामिल होने का कोई कारण नहीं है।
मांग पत्र में ऐसा कोई भी प्रमुख बिंदु नहीं है जिसका संबंध बैंक कर्मचारियों से हो। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले ही ट्रेड यूनियनों से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील कर चुके हैं। सरकार ने कर्मचारी संगठनों के नेताओं से बातचीत के लिए मंत्रियों का समूह गठित किया है।
बयान के मुताबिक बैंक बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देते हैं और हर साल नियुक्ति हो रही है तथा कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिली हुई है। इसमें कहा गया है कि बैंक कर्मचारियों की नौकरी नियमित है।
उन्हें आकर्षक वेतनमान तथा बोनस मिलता है। इसके अलावा कानून के अनुसार भविष्य निधि तथा ग्रेच्युटी भी मिलती है। सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी पेंशन के भी हकदार हैं।
बयान के मुताबिक इसको देखते हुए सरकार बैंक कर्मचारियों से एक बार फिर 20-21 फरवरी को प्रस्तावित हड़ताल में शामिल नहीं होने की अपील करती है।
इस बीच, 11 केंद्रीय ट्रेड यूनियन अपने हड़ताल के आहवान पर कायम हैं। प्रधानमंत्री के कहने पर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ उनकी कल हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला।
ट्रेड यूनियनों ने महंगाई रोकने, रोजगार सृजन, सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश रोकने तथा श्रम कानूनों का क्रियान्वित किये जाने समेत 10 मांगों के समर्थन में हड़ताल का आह्वान किया है।