पुलिस पागल घोषित करना चाहती है सीएम के सामने आत्मदाह करने वाली महिला को

shailendra gupta
भैसदेही(बैतूल)। बैतूल पुलिस की मानें तो जिस महिला ने पिछले दिनों मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सामने आत्मदाह का प्रयास किया वो मानसिक रूप से विक्षिप्त है। पुलिस इसी दिशा में जांच कर रही है और यही साबित करने का प्रयास कर रही है, जबकि अध्यापक की पत्नि की कहना है कि वो पूरी तरह से तंदरुस्त है और पति की परेशानी के चलते ही उसने यह कदम उठाया था।

मैंने आज तक किसी को पत्थर नहीं मारा, किसी से आज तक विवाद नहीं हुआ। मैं पागल नहीं हूं। भैसदेही में 13 फरवरी को मुख्यमंत्री की सभा में केरोसिन उड़ेलकर अध्यापकों के लिए समान कार्य समान वेतन की मांग उठाने वाली रीता बेलेकर का आरोप है पुलिस उन्हें पागल ठहराने पर जुटी है और मेडीकल सर्टिफिकेट लाने पर पति पर दबाव डाल रही है।

शुक्रवार को रीता अपने गृह ग्राम खामला से भैसदेही आ गई। उन्होंने बताया कि पति को धमकी दी जा रही है कि यदि मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं लाए तो उन्हें छह माह के लिए जेल में डाल देंगे।

रीता ने कहा कि जैसा कि मुख्यमंत्री ने मंच से कहा था कि उनसे कोई भी व्यक्ति आसानी से मिल सकता है। अपनी बात कह सकता है। मैंने भी अपनी बात कहने का प्रयास किया तो पुलिस अफसरों ने जबरदस्ती पंडाल से बाहर निकालकर अस्पताल भेज दिया। दो घंटे तक अस्पताल में बंद रखा। परिवार के लोगों को बुलाकर धमकाया।

रीता के पति सुखलाल बेलेकर ने कहा कि उनकी पत्नी 15 साल से परिवार में आर्थिक तंगी का सामना कर रही है। बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। पुलिस मोबाइल फोन कर रीता के मेडिकल सर्टिफिकेट मांग रही है। गांव के लोगों से रीता के बारे में पूछताछ की जा रही है। परिवार के लोग दहशत में है।

इधर बैतूल के पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार का कहना है कि महिला को प्रताड़ित करने जैसी कोई शिकायत नहीं है। ऐसा कुछ सामने आया तो जांच कराई जाएगी।


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