होशंगाबाद (ए.देवेंद्र)। मेरा इंजीनियर बेटा बहुत ही सीधा था। उसे कुछ व्यापारियों ने इतना प्रताडित किया कि उसने सल्फास खाकर जान दे दी। मैं यहां मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिलने न्याय मांगने आया हूं, लेकिन पुलिस अधिकारी मुझे मिलने नहीं दे रहे।
यह पीड़ा मृतक इंजीनियर पंकज अग्रवाल के पिता सुभाष चंद्र अग्रवाल निवासी गौतम नगर रसूलिया ने व्यक्त की। उन्होंने रोत-बिलखते हुए बताया कि पंकज ने 15 फरवरी को भोपाल में प्रताडऩा के कारण आत्महत्या कर ली। वह भोपाल में एमपी नगर सारनाथ कांप्लेक्स में कंप्यूटर शाप चलाता था। उसके साथ भोपाल के कुछ व्यापारियों ने षडय़ंत्र कर उसको जबरन फंसाया और उसे बंधक बनाकर उसके साथ निर्ममता से मारपीट की।
उसकी चैकबुक एवं जरूरी दस्तावेज छीन लिए और चैकों पर हस्ताक्षर करा लिए। इसके बाद से ही उक्त व्यापारी पंकज को लगातार प्रताडित कर रहे थे। जिससे पंकज मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। इस बात की लिखित शिकायत उसने 18 जनवरी 013 को भी की थी, लेकिन पुलिस ने न तो जांच की और न ही आरोपी व्यापारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई।
पिता सुभाष अग्रवाल ने बताया कि मेरे बेटे के जेब से सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उसने उसके भयभीत होने और उसे मार डालने का जिक्र है। एमपी नगर थाना में पंकज ने जो शिकायत की थी, उसमें उसने उल्लेख किया था कि 29 नवंबर 012 को नरेंद्र लोकवानी ताइल्ड स्टोन कंप्यूटर व्दारा उनके आफिस में शाम को बुलाकर पैसों के लिए दबाव बनाया गया। रात्रि में बंधक बनाकर रखा, उस समय वहां पर कमल भट्ट, आशुतोष गौर, मनोज ददलानी, अभिषेक हिमावासिया, प्रमोद गौर, कपिल बाधवानी, विनोद वर्मा, मनीष बडानी भी आए और सभी ने जेल में भिजवाने की धमकी दी।
जबरदस्ती चैक बुक, पैन कार्ड, टिन नंबर आदि दस्तावेज छुड़ा लिए। सभी ने ब्लैंक चैक पर दस्तखत करवा लिए। शिकायत में पंकज ने पुलिस को पहले ही आगाह किया था कि भविष्य में किसी भी प्रकार की घटना के लिए उक्त व्यापारी ही जिम्मेदार रहेंगे। ये आवेदन 18 जनवरी को दिया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मृतक पंकज के पिता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से समूचे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी व्यापारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने एवं उसे न्याय दिलाने की मांग की है।