भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार बीमा कंपनियों के मनगढंत नियमों के आगे लाचार है एवं इसी के चलते छात्र बीमा योजना का लाभ छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने इसके विकल्प के रूप में दूसरी योजना तैयार की है जो पालकों की मृत्यु की स्थिति में छात्रों को लाभान्वित करेगी।
राज्य सरकार ने छात्र बीमा योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का बीमा कराया गया था एवं दुर्घटना होने की स्थिति में छात्रों को बीमा का लाभ दिया जाना था, परंतु बीमा कंपनियों ने इस योजना के तहत लाभ देने से इंकार कर दिया।
लाचार सरकार की स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस ने विधानसभा में आज बताया कि राज्य सरकार स्कूली बच्चों का बीमा कराने के बजाय एक कोष स्थापित करने जा रही है। विद्यार्थी की दुर्घटना में मृत्यु होने की स्थिति में इस कोष से सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इतना ही नहीं किसी विद्यार्थी के अभिभावक के असामायिक निधन की स्थिति में भी विद्यार्थी को इस कोष से राशि दी जाएगी।
यह योजना अगले शिक्षा सत्र से लागू हो जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अब तक निजी बीमा कंपनियां छात्र बीमा योजना में एक निश्चित राशि के बाद दावों का भुगतान नहीं करती थीं।