विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाने के बाद हुई आक्या जागीर स्कूलकांड में कार्रवाई

shailendra gupta
भोपाल। उज्जैन के आक्या जागीर गांव के सरकार स्कूल में खुले पड़े सेप्टिक टैंक में दो स्कूली छ़ात्राओं की मौत के मामले में प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाया गया तो आनन फानन में प्रशासन ने तमाम कार्रवाई की परंतु बीमा योजना का लाभ सरकार भी नहीं दिला पाई।

स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस ने बुधवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक दिलीप सिंह गुर्जर के ध्यानाकर्षण और पूरक प्रश्रों के उत्तर में दी। गुर्जर ने उज्जैन जिले की खाचरौद तहसील के आक्या जागीर गांव में दो स्कूली छात्रा बहनों भावना और प्रीति की निर्माणाधीन स्कूल भवन के सैप्टिक टैंक में गिरने से मौत का मामला उठाया था।

मंत्री ने बताया कि ठेकेदार कल्लू और मुन्ने खां के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है। प्रभारी प्रधान अध्यापक रमेश चंद्र को निलंबित किया गया है और अन्य शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं।

जिला शिक्षाधिकारी उज्जैन को देर से सूचना देने के कारण शोकॉज नोटिस दिया गया है। मृतकाओं के परिवार को अंत्येष्टि सहायता के लिए दो हजार रुपए दिए गए। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से एक एक लाख रुपए की राशि मंजूर की गई है। शासन ने लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, हाउसिंग बोर्ड समेत सभी निर्माण एजेंसियों से सुरक्षा उपाय बरतने के निर्देश भी दिए हैं।

गुर्जर ने कहा कि छात्राओं की मौत की वजह बना सैप्टिक टैंक अब भी खुला हुआ है। मौत के बाद डीईओ और जिला समन्वयक छात्राओं के परिवार से मिले तक नहीं। ध्यानाकर्षण लगने के बाद एक ही दिन में 18 फरवरी को सारी कार्रवाई की गई, इसके पहले कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? मंत्री ने विधायक को धन्यवाद दिया कि वे मामले को सामने लाए।

विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ने कहा कि ठेकेदार सैप्टिक निर्माण कर उसे भवन निर्माण के लिए वाटर स्टोरेज की तरह करते हैं, इसलिए दुर्घटनाएं होती हैं। टैंक को ढंकने की व्यवस्था करना चाहिए।

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