इटारसी। वनमंत्री सरताज सिंह को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में आदिवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा। ओला वृष्टि और अतिवृष्टि से पीड़ित एक दर्जन ग्रामो के लगभग 1 हजार आदिवासियों और आर्थिक सहायता की मांग को लेकर राजमार्ग 69 पर जाम कर दिया। आदिवासियों ने वनमंत्री सरताज सिंह के खिलाफ नारेबाजी कर अपना आक्रोश प्रकट किया।
बीती रात आई तेज आंधी और ओला वृष्टि से केसला आदिवासी विकासखंड के लगभग एक दर्जन ग्रामों के मकानों की छतें टूट गई। पशु और पक्षियों को भारी नुकसान हुआ। फसलें बर्बाद हो गई। प्रशासन से उचित मुआवजे और सहायता की मांग को लेकर आदिवासियों ने शनिवार की शाम राष्ट्रीय राजमार्ग 69 पर सुखतवा के पास धरने पर बैठकर चक्का जाम कर दिया। लगभग 3 घंटे की मशक्कत के बाद वनमंत्री सरताज सिंह के आश्वासन के बाद आदिवासियों ने धरना समाप्त किया।
शुक्रवार की रात हुई तेज बारिश और आंधी तूफान ने केसला विकासखंड के ग्राम सिलवानी, भरगदा, कालाआखर, कांसदा, नीमखेड़ा, चौकीपुरा, सुखतवा सहित लगभग एक दर्जन गांवों के एक हजार परिवारों के घरों की छत उड़ा दी। तेज पानी ने आदिवासियों के खाने पीने के सामान सहित ओढ़ने बिछाने के बिस्तर तक भिंगों दिए। सुबह प्रशासन की ओर से एसडीएम राजकुमार खत्री, एसडीओपी अरूण मिश्रा, नायब तहसीलदार ने इन क्षेत्रों का निरीक्षण कर पटवारियों को सर्वे के निर्देश दिए।
आदिवासी परिवारों की शिकायत पर एसडीएम ने स्वसहायता समूहों से भोजन के पैकेट पहुंचाने की व्यवस्था की। वहीं सोमवार को प्रत्येक पीड़ित परिवार को 50 किलो गेहूं व 5 लीटर केरोसिन देने की बात कही। घटना की खबर सुनकर प्रदेश के वनमंत्री व क्षेत्रीय विधायक सरताज सिंह भी पीड़ित परिवारों से मिले और सरकार की ओर से सहायता का आश्वासन दिया। उनके जाने के बाद भरगदा, कालाआखर, चौकीपुरा और सुखतवा के आदिवासियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लगभग 3:30 बजे भोपाल नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देकर आवागमन बंद कर दिया।
लगभग 3 घंटे चले धरना और चक्काजाम में इटारसी से बैतूल और बैतूल से इटारसी मार्ग पर दोनों ओर वाहनों की कई किमी लंबी लाईन लग गई। इस दौरान प्रशासन ने धरना पर बैठे आदिवासियों को आश्वासन देकर हटाना चाहा, किंतु उनकी जिद थी कि वनमंत्री खुद उनके बीच आकर आश्वासन दें। भारी जद्दोजहद के बाद शाम 5 बजे वनमंत्री धरना दे रहे आदिवासियों के बीच पहुंचे और उन्हें आश्वस्त किया कि सोमवार से उनकी निगरानी में उनके नुकसान का विशेष दल द्वारा सर्वे होगा। इसके पूर्व प्रभावितों को 50 किलो गेहूं व 5 लीटर कैरोसिन वितरित किया जाएगा। वनमंत्री के आश्वासन के बाद आदिवासियों ने धरना समाप्त कर दिया। प्रशासन का अनुमान है कि आंधी व ओला वृष्टि से लाखों का नुकसान हुआ है।