गुर्जर महापंचायत ने दिया शिवराज सरकार को सात दिन का अल्टीमेटम

भोपाल। मध्यप्रदेश में गुर्जरों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने सहित आठ सूत्रीय मांगों को अगर हफ्ते भर में प्रदेश सरकार पूरा नहीं करती है, तो मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं को काले झंडे दिखाए जाएंगे। यह घोषणा सोमवार को गुर्जरों ने महापंचायत की। वहीं मप्र के साथ ही दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश के सामाजिक नेताओं ने आरक्षण सहित सभी मांगों को मानने पर जोर दिया।

गुर्जर भवन में सभा करने के बाद मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने के लिए रैली निकाली गई, जिसको पुलिस ने टीनशेड पर ही बैरीकेट लगाकर रोक दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम का 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया। इस मौके पर अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि, गुर्जर महासभा के प्रतिनिधिमंडल से एक सप्ताह के अंदर मुख्यमंत्री मिलेंगे।

इसके बाद जनसंख्या के आधार पर सत्ता और संगठन में भागीदारी के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, विपक्ष के नेता अजय सिंह राहुल भैया, सपा अध्यक्ष गौरी यादव एवं बसपा अध्यक्ष आईएस मौर्य को ज्ञापन सौंपा। गुर्जर महापंचायत को शुरुआत में संबोधित करते हुए अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. यशवीर सिंह ने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अगर लड़की शिक्षित होगी, तो समाज मजबूत होगा।

इसलिए समाज की एक हजार लड़कियों को देश में डॉक्टर एवं पांच हजार लडकों को इंजीनियर बनाएंगे। गुर्जर महापंचायत का मुख्य मुद्दा आरक्षण है। गुर्जर समाज काफी पिछड़ा हुआ है, इसलिए अजजा का दर्जा दिया जाए। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आरके दोगने ने कहा कि गुर्जर समाज को तत्काल अनु. जनजाति में शामिल नहीं करने पर आक्रामक रवैया अपनाना पड़ेगा। वहीं ज्ञानसिंह गुर्जर ने कहा कि समाज के उत्थान के लिए अब युवाओं को आगे आकर लड़ाई लड़नी होगी। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान तक गुर्जरों की सत्ता फैली थी।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!