बैतूल। आदिवासियों की जमीन पर जबरन अधिग्रहण कर चैकपोस्ट बना डालने के मामले में तत्कालीन एसडीएम विवेक अग्रवाल सहित तीन अधिकारी एवं कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। श्री अग्रवाल इन दिनों सीएम के सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
बैतूल के आदिम जाति कल्याण थाने में यह मामला व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 शशिकांत वर्मा के आदेश पर दर्ज हुआ है। अग्रवाल वर्तमान में मुख्यमंत्री के सचिव हैं।
अग्रवाल के अलावा एमपीआरडीसी के मैनेजर प्रवीण निमजे, मुलताई के पूर्व एसडीएम पीसी डेहरिया, जीएचवी कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के एमडी जाहिद बीजापुर और साइट मैनेजर यूसुफ खान भी इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं।
जानकारी के अनुसार सोमलापुर निवासी जीवन पिता तेजी आदिवासी व अन्य दो किसानों ने शशिकांत वर्मा के समक्ष केस दायर किया था। किसानों का आरोप है कि ससुंद्रा चेकपोस्ट के लिए उनकी जमीन पर जबरिया निर्माण और जमीन अधिग्रहण में फर्जीवाड़ा किया गया है।
जिस जमीन पर चेक पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है, उस जमीन से ही उनके परिवारों का भरण-पोषण होता है। यहां एमपीआरडीसी ने चेकपोस्ट निर्माण के लिए जीएचवी कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिया।
कंपनी ने जबरिया जमीन पर कब्जा कर निर्माण शुरू कर दिया। इस पर उसने एमपीआरडीसी और एसडीएम से गुहार लगाई। उसे संबंधित अधिकारियों से न्याय नहीं मिला। दूसरी तरफ जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई नियम विरुद्ध तरीके से की गई। किसानों के परिवाद पर सुनवाई करते हुए मामले में संबंधित लोगों के खिलाफ अजाक थाने में प्रकरण दर्ज करने आदेश जारी किए।
मामले में पुलिस ने धारा 420, 468, 471, 120 बी, 3 (1) 4, 3 (1) 5, 3 (1) 9 और 3 (1) 10 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।