FB का Sex App: मध्यप्रदेश के स्टूडेंट्स को प्राइवेसी भी चाहिए

भोपाल। फेसबुक कुछ दिनों पहले ही एक नया एप्लीकेशन आया है। इस एप्लीकेशन के माध्यम से लड़के-लड़कियां एक दूसरे के साथ कुछ स्पेशल और प्राइवेट पल गुजारने का प्रस्ताव भेज सकते हैं। इस नई एप्लीकेशन को लेकर लोगों में काफी क्यूरिसिटी देखी गई, लेकिन बाद में ज्यादातर स्टूडेंट्स ने इसे रिजेक्ट कर दिया। कारण इसमें वो तो है जो चाहिए, लेकिन प्राइवेसी बिल्कुल नहीं है। इसलिए भोपालियों को लगता है कि यह एप खतरनाक हो सकता है।

एप्लीकेशन यह भी बताएगा कि यूजर के फ्रेंड्स लिस्ट में कौन सी लड़की या लड़का ऐसा है, जो उसके संग सेक्स में दिलचस्पी रखते हैं। शहर के कुछ युवाओं ने नाम न बताने की शर्त पर इस एप्लीकेशन से जुड़े अपने कुछ अनुभव और इसको लेकर कुछ असंतोष भी व्यक्त किया। इस मुद्दे पर शहर के कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स, वर्किंग और परेंट्स से सहित करीब 100 लोगों से हुई बातचीत की।

यूथ का मानना है कि यह एप्स बेहद रिस्की है। यदि उन्होंने किसी को सेक्स का प्रस्ताव भेजा और उसने रिजेक्ट करते हुए किसी को शिकायत कर दी, तो लाइफ खराब समझो। वहीं पेरेंट्स का मानना है कि यह एप्स इंडियन कल्चर के लिहाज से कतई ठीक नहीं है।

आईटी एक्सपर्ट हामिद के अनुसार यह एप्लीकेशन तीन अंजान कॉलेज दोस्तों की करामात है। एप्लीकेशन लिस्ट में 'बैंग विथ फ्रेंड्स' नाम का एप्लीकेशन होने पर ही किसी दोस्त को इस तरह का प्रस्ताव भेजा जा सकता है। यह एप्स लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए है। अपने मनपंसद और चहेते व्यक्ति को इस एप्स के माध्यम से अपने मन की बात आसानी से कही जा सकती है। इस एप्स के लांच होते ही एक सप्ताह में इसके लगभग 50 हजार से भी ज्यादा यूजर हो गए थे। लेकिन इनमें शहर के कितने यूजर है यह बता पाना मुश्किल है।

यह एप्लीकेशन खास प्रस्ताव की नामंजूरी की जानकारी नहीं देता है। लेकिन अगर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है, तो दोनों को ही एक मेल के जरिए इसकी सूचना दे दी जाती है। बस यूजर को एप्प इंस्टॉल करते वक्त ओनली मी टैब पर क्लिक करना होगा। फिर यूजर अपने फ्रेंड्स लिस्ट में से मनपसंद पार्टनर को अपना प्रस्ताव भेज सकता है।

स्टूडेंट अजित बताते हैं कि जब यह एप्स आया था, तो मैंने और मेरी दोस्त ने इसके यूज को लेकर कई सारी जानकारी जुटाई थी, लेकिन एप्लीकेशन के बारे में पूरी तरह से श्योर न हो पाने के कारण, इसके बारे में सोचना ही छोड़ दिया। वहीं राजदीप का कहना हैं कि बढ़ते साइबर क्राइम के मद्दे नजर इस एप्स को इस्तेमाल करने का प्रश्न ही नहीं उठता।

मयंक कहते हैं कि उन्होंने और उनकी दोस्त ने इसे ट्राई करने के लिए एक फेंक आईडी बनाई थी, लेकिन उसमें सिक्योरिटी से कहीं ज्यादा रिस्क है, सो उन्होंने आईटी डिलीट कर दी। पीयूष बताते हैं कि बिना सिक्योरिटी एंड श्योरिटी के इस तरह की किसी भी एप्स पर भरोसा करना संभव ही नहीं है।

कार्तिक के अनुसार फेसबुक पर ऐसे लाखों लोग हैं, जो अपने फेसबुक फ्रेंड से संबंध बनाने की चाहत रखते हैं। यूजर पहले फेसबुक से साइन इन कर अपने फ्रेंड्स लिस्ट पर पहुंचे, साइन इन होते ही दोस्तों की लिस्ट सामने आ जाती है। इसके बाद पसंद के दोस्त पर क्लिक करके प्रस्ताव भेजा जा सकता है, यदि उसने स्वीकार कर लिया, तो दोनों यूजर को एक मेल के जरिए इसकी सूचना दे दी जाती है।

यूजर्स की माने तो इतनी जानकारी काफी नहीं है। सामने वाला यदि आपके लिए ईमानदार नहीं है, तो हो सकता है कि वो आपके इस प्राइवेट मूवमेंट को रिकॉर्ड करके उसका गलत इस्तेमाल करें? या ये भी संभव हैं कि उस वक्त उसके साथ और भी कुछ लोग आपको देख रहे हो? जैसे कई सवाल है जिनके जवाब इस एप्स में कहीं नहीं है।

एक पेरेंट्स अजीत सक्सेना कहते हैं यह एप्स इंडियन कल्चर के लिहाज से कतई ठीक नहीं है। विदेशों में यह सब चलता है, लेकिन यहां ऐसा प्रस्ताव भेजना भी गलत है। गौतम राज बताते हैं कि उनके बेटे साफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत है, इस एप्स के बारे में सुनने के बाद मैंने उससे इस बारे में खुलकर चर्चा की और उसे इस तरह की चीजों से दूर रहने की समझाइश दी।

फेसबुक को पसंद करने वालों में युवाओं की एक बड़ी संख्या है, ऐसा नहीं है कि किसी ने इस एप्स के बारे में सोचा नहीं या इसे इस्तेमाल करने को लेकर कहीं से जानकारी जुटाने की कोशिश नहीं की। लेकिन एक सच यह भी है कि यूथ इस तरह की किसी भी एप्स से फिलहाल खुद को दूर ही रखना पसंद कर रहे हैं।

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