भोपाल। बिना मान्यता के प्राइवेट स्कूल संचालित करने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना होगा। वहीं, हर प्राइवेट स्कूल को मान्यता की अवधि खत्म होने के 45 दिन पहले उसके नवीनीकरण का आवेदन करना होगा। यह आदेश राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी किए हैं।
शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत केंद्र ने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वे अपने अपने जिलों में अस्थाई मान्यता के साथ जो स्कूल संचालित किए जा रहे हैं, उनका नवीनीकरण 31 मार्च के पहले करवाना सुनिश्चित करें। केंद्र की आयुक्त रश्मि अरुण शमी ने सभी जिलों के डीईओ से कहा है कि वे प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्य, संचालकों को अगले शैक्षणिक सत्र में ली जाने वाली फीस की जानकारी नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाएं।
अब हर कोई नहीं बन पाएगा टीचर
राज्य शिक्षा केंद्र ने स्पष्ट किया है कि 31 मार्च के बाद से निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के अलावा व्यावसायिक कोर्स करने वाले ही शिक्षक बन सकेंगे। प्राइमरी स्कूल (कक्षा 1 से 5 तक) के लिए डीएडडीएलएडडीएड विशेष शिक्षा का कोर्स जरूरी होगा।
इसी तरह मिडिल स्कूलों (कक्षा 6 से 8 तक) के लिए डीएडडीएलएड बीएडबीएससी बीएडबीए बीएड बीएड विशेष शिक्षा कोर्स पास होना आवश्यक रहेगा। आरटीई के तहत अब यह जरूरी है कि जो शिक्षक सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पहले से नियुक्त हैं, उन्हें डीएड-बीएड जैसी व्यावसायिक योग्यता 31 मार्च 2015 से पहले करवाएं।