अनुराग चंदेरी@धरती के रंग। मेला और पर्वों की भूमि भारत में जगह जगह कहीं ना कहीं उत्सव कई अर्थों में जारी रहता है। ऐतिहासिक नगरी चंदेरी( जिला अशोक नगर) में प्रति वर्ष गणगौर पर्व पर मेला आयोजित किया जाता है, यह परम्परा इस क्षेत्र में पिछले 1000 वर्षों से निरंतर जारी है।
अगर हम इतिहास के पन्नों को पलटें तो पाते हैं कि चंदरी के राजा कीर्तिपाल जो की कोढ़ की बीमारी से पीड़ित थे को देवी ने स्वप्न दिया कि वह मंदिर के पट 15 दिन तक ना खोले, लेकिन राजा को सब्र नहीं हुयी और उसने तीसरे दिन ही दरवाजा खुलवा दिया और देखा की देवी माँ का केवल सिर ही प्रकट हो पाया है, राजा बहुत पछताया लेकिन फिर कुछ ना हुआ।
राजा का कोढ़ सही हो गया, तभी से माँ जागेश्वरी देवी के नाम पर मेला प्रारंभ किया गया जो आज भी बहुत धूम धाम से आयोजित किया जाता है . यह मेला नवरात्री पर्व की शुरुवात भी माना जाता है .
पिछले कई सालों से इस मेले में पशु धन का क्रय विक्रय किया जाता है, इसे पशु मेले के नाम से भी जाना जाता है। समूचे क्षेत्र के दुकान दार यहाँ अपनी दुकाने लगाते हैं तथा कृषि उपकरण, कपडे, बर्तन एवं अन्य सामान यहाँ पर विक्रय किये जाते हैं। यह मेला 15 दिनों तक आयोजित होता है। नगरपालिका चंदेरी द्वारा इस मेले की सारी व्यबस्थायें की जाती हैं . इस दौरान बुंदेलखंड की बिभिन्न कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
राई नृत्य, गणगौर नृत्य , बुन्देली लोक गीत एवं अन्य क्षेत्रीय लोक कलाओं के प्रदर्शन इस मेले में दिखाई देते हैं . पूरे क्षेत्र से इस मेले में हजारों लोग भाग लेते हैं . यह मेला 9 अप्रैल से 23 अप्रैल तक चंदेरी में आयोजित किया जा रहा है . इस वर्ष मेले में क्षेत्रीय कवि सम्मलेन, कव्वाली एवं बुन्देली कला प्रदर्शनी का आयोजन विशेष रूप से किया जा रहा है
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लेखक श्री अनुराग चंदेरी का परिचय
---------------------शिक्षा - एम् . ए .( अंग्रेजी साहित्य ) बी .एड .
जन्म-15 अगस्त 1974 ,
कार्य -
mranaalinee.blogspot.com ,personal blog साहित्यिक ब्लॉग, कविता लेखन , निबन्ध लेखन , समीक्षा लेखन एवं आधुनिक चित्र बनाना, कई ब्लोग्स , बिभिन्न पत्रिकाओं एवं अखवारों में कवितायें एवं लेख प्रकाशित, हाल ही में साहित्यिक पत्रिका गुंजन द्वारा विशेषांक प्रकाशित .
संपर्क ---
साडा कॉलोनी ,चंदेरी
जिला अशोकनगर एम् . पी .
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