भोपाल। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में बिजली संकट से निपटने के लिए केन्द्र सरकार ने 1737 करोड़ रुपए मध्यप्रदेश सरकार को दिए हैं जिसे अटल ज्योति योजना के नाम से खर्च किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत प्रदेश भर के लिए अब तक 1737 करोड़ 33 लाख रूपये की राशि उपलब्ध कराई है। योजना के तहत 90 प्रतिशत राशि अनुदान और 10 प्रतिशत ऋण के रूप में राज्य सरकार को ग्रामीण विद्युतीकरण निगम द्वारा दिया जाता है।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली की जरूरत को पूरी करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा राज्य को उदारतापूर्वक राशि उपलब्ध कराये जाने पर प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष एवं सांसद कांतिलाल भूरिया ने प्रधान मंत्री डा. मनमोहनसिंह एवं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के प्रति प्रदेश की जनता एवं कांग्रेस की ओर से आभार प्रगट किया है।
श्री भूरिया ने कहा है कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के माध्यम से केंद्र सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी आवासों को बिजली उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है। दूसरी तरफ म.प्र. की भाजपा सरकार भाजपा को इस साल चुनावी फायदा दिलवाने के उद्देष्य से ‘‘राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना’’ को ‘‘अटल ज्योति योजना’’ नाम देकर ऐसा भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है, जैसे कि ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली देने का काम वह राज्य के बजट से करने जा रही है। केंद्र सरकार के पैसों से बिजली की सुविधा के विस्तार का श्रेय खुद लेने और अपनी पार्टी को दिलवाने के लिए मुख्य मंत्री शिवराज सिंह भाजपा के बड़े नेताओं की उपस्थिति में अटल ज्योति योजना का जगह-जगह शुभारंभ करवा रहे हैं।
श्री भूरिया ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस तरह जनता को गुमराह करने वाला कृत्य निंदनीय है। राज्य सरकार को यह प्रपंच तुरंत बंद करना चाहिए, क्योंकि जनता को सब मालूम है कि उसके साथ भाजपा सरकार धोखेबाजी कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि यूपीए-2 के कार्यकाल में अब तक म.प्र. के झाबुआ जिले के 79 करोड़ 42 लाख रूपये और रतलाम जिले को 60 करोड़ 14 लाख, छिंदवाड़ा को 62 करोड़ 84 लाख, दमोह को 41 करोड़ 32 लाख, जबलपुर को 58 करोड़ 77 लाख, सिवनी को 62 करोड़ 47 लाख, इंदौर को 27 करोड़ 7 लाख, उज्जैन को 44 करोड़ 96 लाख, अषोकनगर को 75 करोड़ 68 लाख, बैतूल को 87 करोड़ 21 लाख, दतिया को 24 करोड़ 65 लाख, हरदा को 29 करोड़ 72 लाख, मुरैना को 83 करोड़ 82 लाख, श्योपुर को 20 करोड़ 25 लाख, शिवपुरी को 53 करोड़ 41 लाख, अनूपपुर को 27 करोड़ 58 लाख, बालाघाट को 41 करोड़ 89 लाख, छतरपुर को 28 करोड़ 62 लाख, डिंडोरी को 19 करोड़ 87 लाख, कटनी को 42 करोड़ 92 लाख, मंडला को 21 करोड़ 61 लाख, नरसिंहपुर को 25 करोड़ 42 लाख, पन्ना को 18 करोड़ 96 लाख, रीवा को 34 करोड़ 69 लाख, सागर को 52 करोड़ 67 लाख, सतना को 46 करोड़ 49 लाख, शहडोल को 35 करोड़ 56 लाख, सीधी को 83 करोड़ 3 लाख, टीकमगढ़ को 28 करोड़ 85 लाख, उमरिया को 8 करोड़ 54 लाख, धार को 69 करोड़ 30 लाख, भिंड को 17 करोड़ 19 लाख, भोपाल को 8 करोड़ 4 लाख, ग्वालियर को 10 करोड़ 7 लाख, होषंगाबाद को 16 करोड़ 80 लाख, रायसेन को 20 करोड़ 91 लाख, राजगढ़ को 29 करोड़ 81 लाख, सीहोर को 15 करोड़ 68 लाख, विदिषा को 25 करोड़ 17 लाख, बड़वानी को 13 करोड़ 45 लाख, बुरहानपुर को 6 करोड़ 88 लाख, देवास को 16 करोड़ 30 लाख, खंडवा को 8 करोड़ 62 लाख, खरगोन को 23 करोड़ 24 लाख, मंदसौर को 13 करोड़ 13 लाख, नीमच 6 करोड़ 46 लाख तथा शाजापुर को 17 करोड़ 35 लाख रूपये की राशि आवंटित की गई है।
श्री भूरिया ने आगे कहा है कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार को केंद्रीय अनुदान के बतौर अरबों रूपये मुहैया कराये जाने के बावजूद भी प्रदेश में बिजली की भारी किल्लत मची हुई है और जनता को बिजली की कमी से रात-दिन जूझना पड़ रहा है। विद्यार्थियों को परीक्षा के दिनों में भी बिजली की कमी की मार झेलना पड़ रही है। आपने कहा है कि प्रदेश की जनता भाजपा के असली फितरती चेहरे को अब अच्छी तरह पहचान चुकी है और आगामी चुनावों में भाजपा को उसका खामियाजा अवष्य ही भुगतना पड़ेगा।