भोपाल। भानपुरा डायग्नोस्टिक सेंटर का मामला एक बार फिर विधानसभा में गूंजा लेकिन हल नहीं निकल पाया। दिग्विजय सरकार के समय यहां करोड़ों खर्च कर खरीदी गईं मशीनों का एक दिन भी उपयोग नहीं हो पाया। मशीनें कंडम हो गईं, वारंटी खत्म हो गईं लेकिन डॉक्टरों की नियुक्तियां नहीं हो पाईं।
मामला तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुभाष कुमार सोजतिया ने उठाया। वो अपने प्रश्न के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष का संरक्षण चाह रहे थे। लगभग गिड़गिड़ाते हुए शब्दों में उन्होंने निवेदन किया कि कृपया भानपुरा डायग्नोस्टिक सेंटर को चालू कराएं, मशीनों का उपयोग शुरू करें, कोई वैकल्पिक व्यवस्था ही कर दें, परंतु स्वास्थ्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कोई संतोषजनक जबाव नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ इतना बताया कि हम डॉक्टर पदस्थ कर रहे हैं।
सनद रहे कि भानपुरा डायग्नोस्टिक सेंटर को उस समय का आधुनिक डायग्नोस्टिक सेंटर बनाया गया था। यहां कई प्रकार की ऐसी जांच बहुत कम कीमत में हो सकतीं हैं जो बाजार में बहुत मंहगी और परेशानी भरीं हैं, जिन पर विश्वास भी नहीं किया जा सकता।
आरोप लगते रहे कि सरकार ने पिछले 9 साल में भोपाल में चल रहे प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर्स के दबाव में भानपुरा डायग्नोस्टिक सेंटर को चालू ही नहीं होने दिया। यहां खरीदी गईं मशीनें कंडम हो गईं। उनकी वारंटी खत्म हो गईं परंतु उनके चलाने वाले डॉक्टरों की नियुक्तियां नहीं हुईं। सरकार की गंभीरतम लापरवाही का इससे बड़ा कोई उदाहरण शायद ही हो।