Bhopal RTO पर दलालों का कब्जा

shailendra gupta
भोपाल। क्या आपने कभी सरकारी आफिसों में रात 12—12 बजे तक काम होते देखा है। भोपाल के आरटीओ आफिस में आप कभी भी आधी रात तक काम होते देख सकते हैं। अब आप कहेंगे बड़े भले हैं भोपाल आरटीओ के कर्मचारी, जी नहीं जनाब, भले नहीं है बल्कि माजरा यह है कि दलाल दिनभर वसूली के बाद शाम 7 बजे तक लौटते हैं। फिर शुरू होती है कालीकमाई से सरकार को चूना लगाने की कार्रवाई।

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय परिसर (आरटीओ) में इन दिनों हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए वाहन मालिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर वाहन मालिकों का आरोप है कि कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत से कई दलाल जल्दी प्लेट लगाने की एवज में 200 से 500 रुपए तक अतिरिक्त मांग रहे हैं।

आरटीओ एमएल सोनी का कहना है कि उन्होंने सारी शिकायतों को वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दिया है। नंबर प्लेट लगाने का काम लिंक उत्सव प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है। कुछ कर्मचारियों ने बाहर घूमने वाले दलालों व एजेंटों से कमीशन तय कर लिया है। इसके नतीजे में जो भी वाहन मालिक अपनी गाड़ी लेकर वहां पहुंचता है, उससे जल्दी प्लेट लगवाने के नाम पर ज्यादा पैसा ले लिया जाता है। इसके बाद जिनका नंबर पहले आना चाहिए, उन वाहन मालिकों को लंबा इंतजार करवाया जाता है।

जिन वाहन मालिकों से एजेंट ज्यादा पैसा ले लेते हैं, उनकी गाडिय़ों में जल्दी प्लेट लगा दी जाती है।

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