राकेश दुबे@प्रतिदिन। भारतीय जनता पार्टी के भीतर और बाहर आजकल एक ही तुलना है, और तुलना है नरेंद्र मोदी से| नरेंद्र मोदी से राहुल गाँधी की तुलना भी हो रही है| एक नरेंद्र मोदी है और उनकी तुलना बिहार मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के साथ होती है|
सच कहा जाये तो तुलना व्यक्ति की नही विकास की हो और उसमे गुजरात जिसकी कमान नरेंद्र मोदी ने संभाल रखी है सबसे अव्वल है| इसका यह अर्थ कदापि नहीं है की बाकी जगह कुछ नहीं हुआ| हुआ, पर उतना नहीं जितना होना चाहिए था| कुछ जगह बेहतर हुआ परन्तु राजनीति और व्यापार के कुत्सित गठजोड़ ने उस बेहतरी पर पानी फेर दिया| जैसे मध्यप्रदेश |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष से नरेन्द्र मोदी और शिवराज सिंह की तुलना भविष्य के लिए क्या की गई भाजपा तो भाजपा, सरकार के भीतर और सरकार के बाहर की शक्तियाँ सक्रिय हो गई है| सरकार के पक्ष में और सरकार के खिलाफ| दोनों ही आंकड़े तलाशने और तराशने में लग गये है| यही हालत छत्तीसगढ़ में है| मध्यप्रदेश में कुछ मंत्री और यहाँ तो छत्तीसगढ़ में कुछ मंत्री वहां सक्रिय हो गये हैं| इस राजनीति में एनडीए के घटक भी कूद गये हैं|
प्रधान मंत्री बनने की सबको जल्दी है लेकिन प्रधानमंत्री बनने के लिए जो जरूरी तत्व है उन पर कोई विचार नहीं कर रहा है| राज्य और राष्ट्र में अंतर है| राज्य की चुनौतियाँ विकास तक रुक जाती है| राष्ट्र की चुनौतियाँ यही से शुरू होती है| नरेंद्र मोदी इस ओर समझने समझाने की कोशिश में लगे है| बाकी सबका अपना अपना स्वभाव है और अपने तरीके और समर्थन| चुनौती के रूप में कोई भी नाम हो सकता है ,परन्तु अभी समय है|