सत्यापन में हुआ खुलासा: संविदा शिक्षक बनने के लिए लगाए फर्जी डीएड सर्टिफिकेट

shailendra gupta
इंदौर। संविदा शिक्षक वर्ग-3 के लिए डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) पास को प्राथमिकता दिए जाने पर डीएड की फर्जी मार्कशीट बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। इसका खुलासा भर्ती के पंजीयन करवा चुके अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन में हुआ है।

ज्यादातर फर्जी डिप्लोमा सांवेर तहसील के सामने आए हैं। ये भी पता चला है कि गिरोह ने 20 से 50 हजार रु. लेकर मार्कशीट दी है। अब मान्यता प्राप्त कॉलेजों की सूची के आधार पर गलत तरीके से पूर्व सूची में शामिल अभ्यर्थियों की लिस्ट बनाई जा रही है। प्रशासन उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है। हालांकि इसकी भनक लगने पर ऐसे कुछ छात्र अपना नाम हटवाने डाइट कार्यालय पहुंच गए।

गिरोह ने अभ्यर्थियों को बालाघाट के इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन के नाम से मार्कशीट दी है। बीजलपुर स्थित डाइट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) में गुरुवार को सत्यापन अधिकारी ने ऐसी एक मार्कशीट पर अधूरी सील देख शंका जताई। उक्त कॉलेज की मान्यता को लेकर भोपाल स्तर पर पूछताछ की गई तो पता चला ऐसा कोई कॉलेज रजिस्टर्ड ही नहीं है। डाइट में 1 मार्च से हुए पंजीयनों की खोजबीन हुई तो 10 से ज्यादा मामले पकड़ में आए। बाकी दस्तावेजों की जांच जारी है। उत्तरप्रदेश के भारतीय शिक्षा परिषद संस्थान को भी पात्र नहीं माना जा रहा है। बताया जा रहा है इसे मप्र में मान्यता नहीं है।

50 हजार रुपए लिए

सांवेर के ग्राम टाकुन में रहने वाले बालकृष्ण सोलंकी ने बताया मेरे पास दो माह पहले इंदौर से एक व्यक्ति आया था जिसने 50 रु. में मार्कशीट उपलब्ध कराई। मैं पिता के साथ डाइट भी गया था ताकि नाम हट जाए। सांवेर के राजकुमार हजारीलाल ने बताया मुझे 20 हजार रु. लेकर मार्कशीट दी थी। मुझे नहीं मालूम था यह फर्जी है।

एफआईआर कराएंगे
मैं शहर से बाहर था। सहकर्मियों से जानकारी मिली। शुक्रवार को ऐसे प्रकरणों की छंटनी कराई जाएगी ताकि सही स्थिति पता चल सके। फर्जी मार्कशीट लगाने वालों के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।
सुधीर कौशल, प्राचार्य, डाइट

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!