राकेश दुबे@प्रतिदिन। पंजाब पुलिस के जवानों ने विधानसभा में जाकर विधायकों के साथ मारपीट की| जयपुर में पुलिस के जवान सडक पर उतरे| इससे मिलती जुलती खबरें हर दूसरे तीसरे दिन पढने को मिलती है|
पंजाब की जिस खबर की यह अगली कड़ी है वह मामला न्यायलय में है और सारे देश कि सरकारों से जवाबतलबी हो रही है| पंजाब पुलिस ने एक महिला के साथ सरेआम मारपीट की थी| आज विधायक उसे पंजाब विधानसभा स्थित अपने पार्टी कार्यालय में ले गये| बस पेंच यही पर है| पुलिस कहती है बगैर प्रवेश पत्र के प्रवेश हुआ विधायकों का कहना है यह सदन का हिस्सा नहीं है|
यह मीडिया में छाने का तरीका है| विधायक ऐसे हथकंडे अपनाते है| ऐसे मामले प्रत्येक राज्य में विधान सभा सत्र के दौरान होता है| मध्यप्रदेश विधानसभा में तो एक बार हाथी तक घुस चुका है| विधायक इसे जनता का ध्यान आकर्षित करने का तरीका मानते है| किसी भी राज्य कि विधानसभा नियमावली इसे मान्यता नहीं देती| विधायकों को प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान क्या करें और क्या न करें सिखाया जाता है| परन्तु क्या करें तो भूल जाते हैं और क्या न करें हो जाता है|
आज भी यही हुआ पंजाब पुलिस अपनी डियूटी कर रही थी, और विधायक अपनी | पुलिस को भी सडक पर, विधान सभा के भीतर , डियूटी का प्रशिक्षण दिया जाता है और वह अपने पूरे प्रशिक्षण का इस्तेमाल करे तो मजाल है परिंदा भी अंदर जा पाए| कहीं न नहीं कुछ तो गडबड है संसद तक पर हमला हो जाता है| शहीदो के साथ जो होता है वह तो असंतोषजनक है ही ,कुछ ऐसे जवानों को भी सजाएं मिली है जिन्होंने कहीं किसी माननीय के कहने पर नियम को शिथिल किया था| पुलिस आपे में रहे इसके लिए नियम नेता बनाते हैं और नेता आपे में रहे इसके लिए पुलिस होती है|