भोपाल। बसपा एवं निर्दलीय विधायकों ने आज व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा परिणामों में आरक्षण नियमों से छेड़छाड़ का मामला उठाया गया। बहस के दौरान पुराने प्रश्नों के मिले उत्तरों के आधार पर प्रमाणित भी किया गया कि धांधली हुई है, फिर पिछले पांच साल में हुईं परीक्षाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग की गई।
यह मामला बसपा विधायक मनीराम धाकड़, रामलखन सिंह और मदन कुशवाह ने ध्यानाकर्षण के जरिए उठाया था। उनका कहना था कि आरक्षित वर्ग के ऐसे परीक्षार्थियों को अनारक्षित वर्ग की मेरिट लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए जो अनारक्षित वर्ग की मेरिट लिस्ट शामिल आवेदकों के बराबर या ज्यादा अंक हासिल करते हैं।
मंत्री ने कहा कि आरक्षण व्यावसायिक परीक्षा मंडल तय नहीं करता, संबंधित विभाग तालिका उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के पदों के रिजल्ट में कमी थी, जो पूरी कर दी गई है। आवेदक की आयु सीमा 28 के बजाय 24 वर्ष हो गई थी। यह त्रुटि थी।
निर्दलीय विधायक पारस सकलेचा ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि उपनिरीक्षक और प्लाटून कमांडर की परीक्षा में आरक्षित वर्ग के मेरिट वालों को ओपन सूची में शामिल नहीं किया गया।
इससे आरक्षित वर्ग के आवेदकों का नुकसान हो गया। यह बात तीन दिन पहले विधानसभा के प्रश्न के उत्तर में स्वीकार की जा चुकी है। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह उत्तर गृह विभाग ने दिया था। सकलेचा ने पांच साल की परीक्षाओं के नतीजों का पुनर्मूल्यांकन कराने की मांग की।