रैसलपुर महाकाली दरबार: यहां मिलती है असाध्य रोगों से मुक्ति

shailendra gupta
इम्पेक्ट फीचर। पृथ्वी पर जड़ और चेतन हर पदार्थ में ज्ञान शक्ति के रूप में दैवीय शक्ति कार्य कर रही है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण आद्यशक्ति मां महाकाली दरबार रैसलपुर (इटारसी) मध्यप्रदेश में देखा जा सकता है। यह दरबार वर्ष 1990 से निरन्तर है।

आज जहां एक ओर विज्ञान द्वारा आधुनिक यंत्रों से मनुष्य के अन्दर उत्पन्न व्याधियों का बड़े शहरों में लाखों रुपया खर्च करके सी.टी. स्केन/ एमआरआई/ कार्डियोग्राफी जैसे अनेकों प्रकार की जांच करके पता लगाया जाता है वहीं यहां पर जांच का सटीक विवरण माताजी के दरबार में व्याधि ग्रस्त मनुष्य के उपस्थित होने पर पल भर में कर दिया जाता है इससे भी आगे उस व्यक्ति के साथ भूतकाल से घटित घटना/ तथा बीमारी उत्पन्न करने वाली प्रेत आत्मा का उल्लेख जो उस व्यक्ति को स्वप्न में दिखाई देकर प्रभावित करके काल का योग बना रही है उसके संकेत एवं प्रमाण दरबार में दिया जाते हैं।


विगत 21-22 वर्षों से माता जी के दरबार में इस क्षेत्र एवं देश के अनेकों शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, झांसी, दिल्ली, रायपुर, अहमदाबाद, नाशिक, जलगांव, बॉम्बे, पूना, कलकत्ता, बैंगलोर, चैन्नई आदि शहरों के असंख्य निराश व्यक्ति जो कैंसर, एड्स, ट्यूमर, लकवा, किडनी, मिर्गी, हृदय रोग निसंतान और एसी जघन्न व्याधि जो मेडिकल साइंस से परे थी का इलाज सफलता पूर्वक कराकर व्याधिमुक्त हुए हैं और निरन्तर लोग उपस्थित होकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।

ईश्वरीय शक्ति के विद्यमान होने के प्रमाण हेतु दरबार में माताजी घोर ज्वाला, महाकाली के रूप में उदय होती है काली, दुर्गा आदि समस्त शक्तियां उनके अंश है- काल/अकाल उनकी भुजा में धारण है वे मनुष्यों के भाग्य उदय करती है बनाती है धनहीन को धनवान तथा भाग्यहीन को भाग्यवान भी वे बनाती हैं वे काल की भी काल है ऐसी माता महाकाली त्रिलोक जननी है और वे कण-कण में व्याप्त है। मनुष्य देह में निराकार एवं सत्व रूप में विद्यमान है इस प्रकार वेदों/ पुराणों में वर्णित महाकाली महिला को साक्षात दरबार में देखा और अनुभव किया जा सकता है और उनके दर्शन पाकर मनुष्य जीवन की सार्थकता प्राप्त कर सकते हैं इसमें कोई संदेह नहीं है।

नवरात्र में मेला

रसैलपुर माता मंदिर में हर साल चैत्र व शारदीय नवरात्र में भक्तों का मेला भरता है। यहां विशाल कन्या भोज एवं भंडारा भी आयोजित किया जाता है।

मां का सच्चा दरबार

माता महाकाली का दरबार मध्यप्रदेश के इटारसी से 3 किलोमीटर दूर रैसलपुर में स्थित है। यह स्थान होशंगाबाद-इटारसी राजमार्ग पर स्थित है। यहां रेलवे, बस व चार पहिया वाहन से पहुंचा जा सकता है। हर शनिवार को रात 10 बजे से महाकाली माता का दरबार लगता है। जिसमें भक्तों की समस्याओं का निदान किया जाता है।

कैसे पहुंचे भक्त

भक्त इटारसी जंक्शन (रेलवे स्टेशन) पर उतर जाएं। रेलवे स्टेशन के बाहर आधा किलोमीटर दूर प्राइवेट बस स्टैण्ड है। यहां से चार पहिया वाहन, मिनी बसें होशंगाबाद के लिए जाती हैं। इटारसी बस स्टैण्ड से तीन किलो मीटर दूर राजश्री ढाबा है। बस यहीं उतर जाएं। राजश्री ढाबा के सामने मां महाकाली का दरबार है।

भक्तों का कहना


समस्या ठीक हुई

22 वर्षों से समस्या से ग्रस्त था। पानी में दूर तक बह गया था इसे स्वप्र में 2 नाग ने घेरा, पुन: 3 नागों ने घेरा तीसरा नाग फन फटकार-फंककार कर मार रहा था। 46 वर्ष की आयु के काल योग है फिर भी बचाने का वर्णन दिया गया (ऊपर से गिरने की घटना होगी) घर का वर्णन किया खुले भाग में देवी स्थान जो खजाना ढूंढने के कारण रुष्ठ थी उसे शांत करने का आदेश दिया तथा देवी को स्वप्र में आकर प्रसन्नता दिखाने का आदेश प्रमाण हेतु दिया। ढाई माह पश्चात् परेशानी दूर कर कर्मगति बढ़ाने का उल्लेख किया हमने 22 अक्टूबर 2011 को दरबार में आकर बताया  कि जो  वर्णन किया गया था सत्य पाया।
राजेश चौबे- जीवन कला बकतरा, मो. 9993190051

लकवा सहीहो गया

लकवा पेशेंट मस्तिष्क में 3 मि.मी. का धब्बा बताया आसन पर हाथ उठवाया चल नहीं पाता था चलवाया तथा अदृश्य ऑपरेशन कर धब्बा ढ़ाई सें.मी. कर दिया- गोलियां बन्द करने के आदेश दिये।
गणेशराम माली भोपाल मो. 89825020456

पुत्र की मुराद पूरी

4 वर्षों से परेशान पुत्र मांगने आई 2 योग असफल हो गये डॉक्टरों से परीक्षण कराया जांच आशा छोड़ दी। माताजी ने बताया इन्हें स्वप्र के शिशु भागता दिखता है बन्धन होकर हवन योग के माध्यम से उपचार बताया। काम सफल हुआ।
प्रीति विश्वकर्मा- होशंगाबाद

उपचार सही हुआ

आयुषि लगभग 3-4 वर्ष की अवस्था में बरामदे में 10 फिट ऊंचाई से गिर गई थी उसके पश्चात् तेज बुखार- होना वजन नहीं बढऩा तथा बोलना नहीं हो पा रहा था डॉक्टर्स ने ब्लड टेस्ट स्केंनिग व आई.क्यू टेस्ट करने के पश्चात् सिर की चोट और मन्दता बताया गया 6 वर्षों की अवस्था से एलोपेथिक/आयुर्वेदिक/ व अन्य चिकित्सा निरन्तर चल रही थी इस प्रकार 16 वर्ष की अवस्था तक कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।  शारीरिक विकास अवरूद्ध होने के साथ उसके सोचने/बोलने में कोई फायदा नहीं हुआ। दिनांक 26-11-2011 को उसे माताजी के दरबार लाया गया माताजी द्वारा वर्णन किया गया कि 4 वर्ष की अवस्था में रात्रि में भयभीत आकृति की आत्मा के प्रहार से नीचे गिरी है तब से वह आत्मा सवार है पीछा कर रही है इस वजह से पिछले 13 वर्षों से इसका शारीरिक/मानसिक/ विकास नहीं पा रहा है श्री उपाध्याय का परिवार उन्हें 3-12-11 को दरबार में उपचार कराया तथा माताजी की कृपा से आयुषी के  बोलने में, खड़े होने चलने में, असाधारण परिवर्तन आया 13 वर्षों के लम्बे समय के कारण शरीर विकास में आई बिकलांगता में भी परिवर्तन हुआ और व्याधि से पूर्णत: मुक्त हुई।
- आयुषी उपाध्याय, बैरागढ़ भोपाल 9826162124

गले का कैंसर सही हो गया

श्रीमति हेमा बाई पति श्री चम्पालाल 2-6-2012 को दरबार में उपस्थित हुई उन्हें 3 माह से गले में सूजन थी बहुत बड़ी गांठ हो गई थी उसे दबाने पर दर्द होता था कंठ के योग पर कील का मुख बन गया था पानी पीने में तक तकलीफ होती थी डॉक्टरों ने कैंसर की आशंका बताई माताजी ने सारा विवरण उल्लेख कर बताया कि इन्हें स्वप्र में मशान बीर नाग द्वारा 2-3 बार फूंक मारकर कैंसर रोग मनुष्य मृत्यु लोक अनुसार उत्पन्न किया है घर के समीप जलता दीपक, काला कोयला राख आदि मिली थी जो क्रिया की गई थी उस योग से रोग उत्पन्न हुआ माताजी द्वारा उन्हेें पूर्ण स्वथ्य कर लाभ प्रदान किया 7-7-2012 तक पूर्ण रूप  रोग मुक्त हो चुकी और उनकी आवाज भी बन्द हो गई थी अब तो आसानी से बोलती है खाना,पीना अच्छा होने से शारीरिक स्वास्थ्य में भी परिवर्तन हुआ हैं।
हेमाबाई पति श्री चम्पालाल होशंगाबाद मो.न. 9691223305

कोमा से बाहर आया

विपिन चौरे ग्राम चिल्लई निवासी के भाई रैसलपुर बस स्टेन्ड पर दुर्घटना रात्रि में हुई उन्हें गम्भीर स्थिति में उपचार हेतु भोपाल ले जाया गया सीटी स्केल करने पर कोई गम्भीर चोट मस्तिष्क नहीं पाई गई उपचार चलता रहा इन्दौर भी दिखाया गया रिपोर्ट लेकर बाम्बे के डॉक्टरों को दिखाया सबसे अच्छी दवाई लेने के पश्चात् भी 3 माह से कोमा स्थिति में हैं श्री विपिन चौरे के दिनांक 4-8-12 को  दरबार में उपस्थित होने पर सारा वृतान्त डाक्टरों द्वारा किया गया वर्णन का उल्लेख किया। जो कोमा स्थिति में हैं के बारे में बताया गयाा है कि उन्हें कालरूपी आत्म द्वारा फेंका गया है और वहंा उन्हें प्रभावित कर रही है यह भी वर्णन किया कि उन्हें शरीर के 3 स्थान पर चौक हैं एक स्थान सुन्न हैं तथा एक स्थान पर घाव होने लगा है और माताजी ने उन्हें उसी क्षण से लाभ देना प्रारम्भ किया जिसमें उन्हेें रक्त की गति ज्ञान गति सोच की गति तथा देखने की क्रिया का लाभ प्रारम्भ कर दिया।
- विपिन चौरे/ ग्राम चिल्लई मो.न. 9754643106 (4 अगस्त 2012)

पैर सुन्न था, सही हो गया

मैं 18-8-12 को दरबार में उपस्थित हुआ उनका एक पैर पिछले 6 वर्ष से सुन्न अवस्था में था पैर में जरा भी हरकत नहीं होती थी मुड़ता नहीं था तथा छाती में साढ़े छ: माह दर्द रहता था। एक गठान भी थी बार-बार बुखार आकर पीड़ा होती थी डाक्टर के पास जांच कराने पर कैंसर बताया गया। माताजी ने दरबार में बताया कि  जागृत एवं निंद्रा अवस्था में इनकी छाती पर विगत एक माह से कोई  छाती पर बैठकर खींचता हैं खांसने पर तीव्र दर्द होता हैं दरबार में ही माताजी सुन्न पैर पर गति उत्यन्त की तथा छाती का दर्द को बन्द किया यह लाभ तत्काल दिया गया।
खुमानसिंह कुशवाहा  भोपाल :- मो.न. 8357077575

मेरी मुराद पूरी हुई

मैं काफी समय से परेशान था। मां के दरबार में गया। यहां मैं हर शनिवार पांच बार गया। हमारी मुराद पूरी हो गई। यह दरबार सच्चा है।
अशोक सिन्हा (रेल्वे सर्विस) भोपाल 9826372048


रीड की हड्डी सही हो गई

श्री जोगेन्द्र यादव भोपाल निवासी फौज में सर्विस करते हैं दिनांक 18-8-12 को दरबार में उपस्थित हुए डाक्टरों ने उनके उपचार/जांच करने पर बताया गया कि उनके 3 गुरिये (कमर के) 2 खन्ड में गेप आ गया है जिसके कारण उन्हें बैठने में दर्द होता था खड़े होने के पैरों कम्पन जलन होता हैं यह बीमारी पूरा शरीर ग्रसित होने का उल्लेख किया दरबार के माताजी ने बताया कि रात्रि 12.30 बजे के बाद 2 नारी जोड़े से स्वप्र में आकर इनके शरीर को प्रभावित करती है ये काल रूपी आत्मा ही बीमारी का मुख्य कारण हैं ये जिन्हें आसन पर शरीर से अलग कर कमर की पीड़ा पैरों का कम्पन,जलन दूर कर प्रमाणित किया कि दर्द देने वाली कालरूपी आत्मा हैं इस प्रकार माताजी द्वारा श्री जोगेन्द्र यादव को उक्त व्याधि से पूर्ण रूप से मुक्त कर स्वस्थ लाभ दिया गया।
जोगेन्द्र यादव (फोज में सर्विस) भोपाल, मोबाइल नं.  992621621

दुर्बलता समाप्त हो गई, मैं चंगी हो गई

स्वीटी को शारीरिक दुर्बलता चक्कर आना, खाना नहीं खाती थी बहुत ही अधिक शरीर क्षीण  हो गया था डाक्टरों से सारे परीक्षण कराने के पश्चात् उन्हें एच.आई.वी ग्रसित एड्स रोग बताया था माताजी के दरबार में उपस्थित होने के पश्चात् उसके खाने में भूख लगना खून बनना बन्द हो गया था वह चालू हो गया सभी दवाइंया बन्द होने के पश्चात् जो शरीर सूख गया था 15 दिवस में आश्चर्य रूप से परिवर्तन आकर स्वस्थ होने लगी बजन बड़ गया तथा शरीर से स्थूल होने लगी दरबार में माताजी द्वारा आदेश दिया गया था कि उनके दी गई रक्षा 6 माह तक शरीर से जुदा नहीं करें किंतु 3 माह पश्चात् रक्षा हटा दी गई और पुन: गम्भीर स्थिति में कमजोर हो गई दिनांक 25-8-12 को उनके पिता श्री साहिबराव दरबार में आकर प्रार्थना की एवं रक्षा प्राप्त की माताजी ने एक सप्ताह तक समय देकर चुकी दरबार में उपस्थित कराने का आदेश दिया।
स्वीटी/साहिबराव, नासिक :- मो.न. 08805628138

विकलांगता खत्म हो गई

अजय दीक्षित विगत 16 वर्षों से दाहिने पैर से विकलांग थे। डाक्टरों ने उनके जोड़ों के गेप से एक नली का दवना बताया तथा ऑपरेशन अति दुर्लभ बताया तथा खतरा होने की आशंका बताई। छेड़छाड़ करने पर बड़ी हानि होना बताया । माताजी ने दरबार में लकवा ग्रस्त पैर को जो 16 वर्षों से उठ नहीं पा रहा था समक्ष में उठवाया पैरों की उंगलियों से पकडऩे पर सेन्स नही था स्पर्श होने का मान कराया भी अजय को स्वप्र में विचित्र आकृति का मनुष्य दिखता हैं इसके उल्लेख किया पहले उन्हेें बैठने में कम्पन्न होता था सहारा लेना पड़ता था किन्तु आसन पर समक्ष में उक्त पैर में रक्त संचार का लाभ देकर पैर उठने तथा उसमें स्पर्श मान होने का लाभ दिया बैठने में बिनाा सहारे का और कम्पन ना होने का लाभ दिया।
- अजय दीक्षित भोपाल मो.न. 9752416602

किडनी सही हो गई

मोहम्मद उर्फ पप्पू की पत्नी को पूर्ण चेतना नहीं थी बेहोशी को हालत मेे लेकर 25-8-12 को दरबार में उपस्थित हुये थे माताजी डाक्टरों ने जो परीक्षण उपरान्त बताया गया उसका पूर्ण विवरण का उल्लेख किया और डाक्टर  जो बताया उसके अनुसार उनकी पत्नी की एक किडनी 25.777 कार्य कर रही थी तथा दूसरी किडनी 100 खराब होकर कार्य करना बन्द कर दिया था डायलेसेस पर रखा गया था। दरबार में वर्णन किया गया कि आत्मा सता रही है घर में परेशानी बनी हुई हैं धन से क्षीण हो गया सोचा कार्य भूल जाता हैं घर के 10 सदस्यों में से 5 पर उक्त क्रिया का असर है उनकी पुत्री को भयानक आकृति दिखती है तथा ऐसा आभास होता हैं कि किसी ने धक्का दिया। पत्नी रात्रि में सोते समय भयभीत हो जाती है तथा डरावनी मुद्रा बना लेती हैं कई बार उन्हें विस्तर से उठाकर आत्मा द्वारा फेेंका गया- अस्पताल में भी फैंका गया उनकी पत्नी बैठ नहीं पाती थी उन्हें दरबार के 15-20 मिनिट तक बैठाया गया तथा जो किडनी 25. कार्य कर रही थी उसे कुछ ही क्षण में 80परसेंट कार्य योग्य बनाया तथा दूसरी किडनी जो पूर्ण खराब बताई थी उसे 40 परसेंट तक कार्य योग्य बनाया और बताया गया किडनी फेल्यूवर नही हैं आत्माऐं सता रही हैं यह लाभ तत्काल दिया गया भविष्य में उसे बिस्तर से कोई फेंकेगा नही, डरेगी नही, भयानकर आकृति नहीं दिखेगी बेहोशी से चेतन अवस्था में रहने का लाभ दिया
- मोहम्मद / पप्पू भोपाल:- मो.न. 9827095102

घर में अब शांति है

घर में आशांति उन्हें स्वप्र में जल की धार में पल्टा हुआ सर्प दिखाई देता हैं अशांति/ व्याधियों के निराकरण हेतु शिखा बन्धन मुक्ति कराने हेतु 2 योग का वर्णन किया गया।
- अरूण रणधीर भोपाल:- मो.न. 9893366264

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
राजकुमार सोनी
मोबाइल - 08827294576


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