भोपाल। विद्युत नियामक आयोग की सुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने बिजली कंपनी के अधिकारियों की खूब परतें उतारीं और तर्कसम्मत सवाल भी किए। उपभोक्ताओं का कहना है कि मध्यप्रदेश में बिजली पहले से ही मंहगी है अब और नहीं होना चाहिए। इसके अलावा बड़ा सवाल यह भी उठा कि लाइन लॉस आपकी लापरवाही से होते हैं तो उसका भुगतान हम क्यों करें।
विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2013-14 के विद्युत दरों के निर्धारण के लिए मंगलवार को प्रशासन अकादमी में हुई जनसुनवाई में चौकी इमामवाड़ा के सैयद अख्तार हुसैन ने आयोग के सामने यह आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि बिल पूरे लेने के बाद अघोषित कटौती कैसे की जाती है। उस कटौती को घोषित होना चाहिए? यही नहीं बिजली के रेट भी नहीं बढ़ना चाहिए। क्योंकि बिजली पहले से ही महंगी है।
अन्य उपभोक्ता यूसी डाबर ने तो बिजली दरों की वृद्धि पर ही आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि लाइन लॉस की वजह क्या है? इस पर लगाम लगाने के प्रयास क्यों नहीं किए जा रहे हैं। बिजली चोरी रोकने में विभाग अब तक सक्षम क्यों नहीं है? मप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2013-14 के विद्युत दरों के निर्धारण पर प्रशासन अकादमी में जनसुनवाई आयोजित की गई।
इस मौके पर करीब 12 लोगों ने उपस्थित होकर अपनी आपत्तियां आयोग के समक्ष दर्ज कराई। सभी ने अपनेअ पने तर्कों के माध्यम से बिजली की दरों में वृद्धि न किए जाने की बात कहीं। हालांकि कुछ लोगों ने तो कीमतों में वृद्धि का कारण ही पूछ डाला। उनका कहना था कि लाइन लॉस का भार ईमानदार उपभोक्ताओं पर क्यों डाला जाता है।