इंदौर। क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे शातिर ठगोरे को गिरफ्तार किया है जो खुद को राजस्थान के मुख्यमंत्री का पीए बताकर लोगों से ठगी करता था। उसने आरबीआई का फर्जी अफसर बनकर बैंक वालों को भी झांसे में लिया और नए नोट दिलाने के एवज में लाखों रुपए ठग लिए। पुलिस को अब तक 17 लोगों ने शिकायत की है। इनसे करीब 15 लाख व कई अन्य से पांच लाख की ठगी हुई है। आरोपी मुरली पिता स्व. गोविंदराम त्रिलोकवानी निवासी भगवानदीननगर है। उसके खिलाफ स्थायी वारंट निकला था।
एसपी डॉ. आशीष ने बताया पिछले दो महीने में पुलिस को पांच-छह लोगों ने शिकायत कर बताया कि एक व्यक्ति खुद को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का अधिकारी बताकर लोगों को ठग रहा है। किसी को उसने नए नोटों की गड्डी दिलाने का झांसा दिया तो किसी को बैंक में मॉर्टगेज प्रॉपर्टी का सेटलमेंट कराने का भरोसा दिलाया। इसके अलावा बैंक से संबंधित काम के नाम पर वह कई लोगों से नकदी और चेक लेकर फरार हो गया। क्राइम ब्रांच ने आरोपी के मोबाइल, परिचित तथा दोस्तों के जरिये गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर लिया।
बैंक के चेयरमैन से ठगे दो लाख
पुलिस के मुताबिक आरोपी मुरली करीब ढाई महीने पहले सिंध एंड पंजाब मर्केंटाइल बैंक के चेयरमैन सुरेंद्रसिंह होरा निवासी ट्रांसपोर्टनगर से मिला था। होरा से परिचय एक अन्य बैंक अफसर ने मुरली को आरबीआई अधिकारी बताकर करवाया था। मुरली ने उन्हें दो लाख रुपए के नए नोट देने का कहा और दो लाख का चेक ले लिया। अगले दिन चेक कैश करा लिया और होरा को बोला कनाडा जा रहा हूं, फिर लापता हो गया। वहीं विद्या पैलेस निवासी दीपसिंह रघुवंशी का मकान बैंक ने मॉर्टगेज कर लिया था। मुरली उनसे बैंक अफसर बनकर मिला और बोला अभी पूरी राशि (2.65 लाख) दे दो। बाद में पचास हजार रुपए वापस दिलवा दूंगा। उनसे रुपए लेकर वह फरार हो गया।
मारोठिया से लाकर बांटता था नए नोट
एसपी ने बताया आरोपी मुरली ने 15 हजार रुपए तक के नए नोट मारोठिया बाजार से लाकर लोगों को दिए थे ताकि बड़ी रकम ऐंठ सके।
दो अन्य फरियादी पहुंचे
आरोपी के पकड़े जाने पर परफेक्ट ऑप्टिशियन व नावल्टी मार्केट के व्यापारी तलरेजा कंट्रोल रूम पहुंचे। उसने ऑप्टिशियन से 19 हजार रुपए व तलरेजा से पांच हजार रुपए ठगे थे। क्राइम ब्रांच ने आरोपी को एरोड्रम पुलिस को सौंप दिया है।
आठ साल से ठग रहा
मुरली ने बताया वह मूल रूप से जयपुर का रहने वाला है। वर्ष 2000 से बैंकिंग सेक्टर में आ गया। शुरुआती दौर में वह लोगों के बैंक संबंधी काम करवाने लगा। उसने आरबीआई जयपुर के संपर्क में आते हुए भी एजेंटी के काम किए। इस दौरान उसे बैंक की कार्यशैली व बैंककर्मियों की कमजोरियों का पता चलने लगा। 2006 में वह एक लड़की के चक्कर में इंदौर आ गया। इस बीच ज्यादा खर्च हो गया तो वह ठगी करने लगा। उसने सिटी फाइनेंशियल में नौकरी भी की थी।
पुलिस को पीटा था
वह जीरापुर राजगढ़ की रहने वाली लड़की के साथ तुकोगंज क्षेत्र में लिव इन रिलेशन में रहा। 2007 में अनबन होने के बाद लड़की ने वी केयर फॉर यू में शिकायत की थी। पुलिस मुरली को पकड़ने गई तो उसने मारपीट की थी। इसके बाद वह तलाकशुदा एक महिला के संपर्क में आया और विवाद होने पर आत्महत्या का प्रयास किया। तब उस पर जूनी इंदौर थाने में मामला दर्ज हुआ। मामले में उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी हुआ है।
मेरे जीजा हैं राजस्थान सीएम के पीए
आरोपी ने बड़े-बड़े अफसरों से रिश्ते के अलावा खुद को राजस्थान के मुख्यमंत्री का पीए बताकर रौब जमाया। पूछताछ में उसने बताया उसके जीजा हरीश रामचंद्रानी सीएम के पीए हैं। पुलिस तस्दीक कर रही है, लेकिन प्राथमिक तौर पर यह भी झूठ माना जा रहा है।