कांग्रेस के नईदिल्ली मुख्यालय से हुईं फर्जी नियुक्तियां: मामला उजागर, जालसाज अरेस्ट

shailendra gupta
भोपाल।  दिल्ली में इन दिनों कांग्रेस के फर्जी नियुक्ति पत्र बिक रहे हैं। जालसाजों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि अब वो प्रदेश प्रभारी तक की फर्जी नियुक्तियां करने में जुटे हुए हैं। मामला भी तभी खुला जब हिमाचल प्रदेश का प्रदेश प्रभारी मुख्यालय जा पहुंचा। वहां पता चला कि नियुक्ति पत्र तो फर्जी है। इस गिरोह ने पूरे देश में जाली नियुक्त्यिां कीं हैं। इनमें से मध्यप्रदेश में कितनी हुईं, जांच का विषय है। 

उपलब्ध जानकारी के अनुसार इसके एवज में उससे 7 लाख रुपए डोनेशन के नाम पर भी लिया गया। ठगी के इस मामले में क्राइम ब्रांच ने विक्रांत पोद्दार (29) तथा प्रमोद कुमार जैन (50) को गिरफ्तार किया है। विक्रम एलआइसी एजेंट है, जबकि प्रमोद कांग्रेस कार्यकर्ता होने के साथ उद्यमी भी है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र यादव (क्राइम ब्रांच) के अनुसार ठगी का शिकार बने नेताजी का नाम डॉ. हरी देव लिवेदी है।

मुनीरका गांव निवासी विक्रांत से वर्ष 2006 से उनकी पहचान थी। वह उनके दोनों बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। बीते साल विक्रांत ने डॉ. लिवेदी से कहा कि उसके कांग्रेस के नेताओं से अच्छे संपर्क हैं। वह आने वाले हिमाचल प्रदेश चुनाव में उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका दिला सकता है। विक्रांत ने उनको टेलीफोन एडवाइजरी कमेटी के सदस्य प्रमोद जैन से मिलवाया। दोनों ने कहा कि पार्टी फंड में सात लाख रुपये देने पर उन्हें हिमाचल प्रदेश प्रभारी का नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा।

क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार दोनों आरोपी डॉ. लिवेदी को लेकर 11 अकबर रोड स्थित कांग्रेस के एक बड़े नेता की कोठी पर भी ले गए। जहां उन्हें किसी व्यक्ति से आशीर्वाद दिलवाया गया। रुपये लेने के बाद डॉ. लिवेदी को आल इंडिया राजीव गांधी विचार मंच के लेटरहेड पर राष्ट्रीय सचिव व हिमाचल प्रदेश प्रभारी का नियुक्ति पत्र दे दिया गया।

फर्जीवाड़े का पता लगने पर पीड़ित ने क्राइम ब्रांच से शिकायत की। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह की देखरेख में टीम ने जांच की तो पता चला कि जिस संस्था के लेटरहेड पर नियुक्ति पत्र दिया गया था वह आल इंडिया कांग्रेस कमेटी से किसी भी तरह का ताल्लुक नहीं रखती। इसके बाद दिल्ली छोड़कर भागने का प्रयास कर रहे विक्रांत के साथ प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में पता चला विक्रांत मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के डल सिंह सराय का रहने वाला है। पिछले दस साल से वह दिल्ली में रहकर एलआइसी एजेंट के साथ कोचिंग देने का काम कर रहा था। प्रमोद जैन की ब्रह्मपुरी इलाके में फैक्टरी है। पता लगाया जा रहा है कि दोनों आरोपी और क्या क्या गुल खिला चुके हैं। अधिकारियों की मानें तो पूछताछ से ठगी के कुछ अन्य खुलासे संभव हैं।


कुल मिलाकर दिल्ली में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की सरपरस्ती में इन दिनों एक गिरोह काम कर रहा है जो फर्जी नियुक्तियां करने में जुटा हुआ है। अब सवाल यह उठता है कि इस गिरोह ने मध्यप्रदेश में कुल कितनी नियुक्त्यिां कीं हैं।

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