पीडब्ल्यूडी दमोह में आधे से ज्यादा सब इंजीनियर्स जॉबलैस

shailendra gupta
दमोह से शंकर सोनी । लोक निर्माण विभाग दमोह के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्य और मरम्मत के कार्यो की देखरेख हेतु करीब दस से बारह उपयंत्री पदस्थ हैं, परन्तु आधे से अधिक उपयंत्री मुफ्त की पगार ले रहे हैं। कुछ चुने हुये उपयंत्री ही वर्तमान में चल रहे कार्यो की देखरेख के नाम पर केवल बिल बनाने में ही व्यस्त रहते हैं।

कार्यो की गुणवत्ता की देखरेख्र का जिम्मा ठेकेदार ही निभा रहे हैं, इनके द्वारा कार्यो की फिनिशिंग अच्छी तरह से करा दी जाती है जिनको देखकर वरिष्ठ अधिकारी संबंधित उपयंत्री की प्रशंसा करते हुये उन्हे और अतिरिक्त कार्य सौंपकर चले जाते हैं। ऐसे उपयंत्री को विभाग अनुभवी उपयंत्री मानता है। कोई भी वरिष्ठ अधिकारी कार्यो का सूक्ष्म तरीकों से निरीक्षण नहीं करता जिससे कार्य समाप्ति के कुछ दिन बाद ही कराये गये निर्माण कार्य जर्जर स्थिति में पहुंच जाते हैं। ऐसी ही स्थिति उन सडकों की जो जर्जर स्थिति में पहुंच गई हैं इन सडकों पर पेंच वर्क आदि के कार्यो के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है।

जर्जर हो चुकी सड़कों पर पेंचवर्क करवाया जा रहा है जो सिर्फ परत चढाने के समान है जिससे कुछ दिन संभालने के बाद वो पुन: उखड जाती है और उनपर दोबारा पेंचवर्क का कार्य कराया जाता है और इनके फिर से उखडने पर इसकी पुन: नये सिरे से निर्माण कार्य की नौबत आ जाती है। ऐसा विभागीय अधिकारियों द्वारा जानबूझकर किया जा रहा है जिससे इन सडकों पर बार-बार पेंचवर्क का कार्य दर्शाकर लाखो करोडों रूपयों के फर्जी बिल बनाकर शासन को चूना लगाया जा सके।

अगर ईमानदारी पूर्वक कार्य कराया जा सकता तो गुणवत्ता विहीन कार्य होने की जबाबदारी उपयंत्री की होती और उन उपयंत्रियों पर विभाग के द्वारा कार्यवाही की जाती लेकिन जिले में सड़कों पर हुये पेंचवर्क के बाद उखडने वाली सड़कों के जिम्मेदार उपयंत्रियों पर आज तक कोई भी विभागीय कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसे हालातों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि सारी व्यवस्था शासन प्रशासन को चूना लगाने के लिये किया जा रहा है जिससे भ्रष्टाचार कर जेबें गरम की जा सकें।

उदाहराणर्थ पथरिया में दो सीसी मार्ग बनाये गये थे और दमोह में राय चौराहा से पलंदी चौराहा तक सीसी सडक का निर्माण किया गया था लेकिन कुछ माहों के बाद सीसी सडकों की स्थिति नाजुक हो गई, जगह-जगह रास्ता गढ्ढों में तब्दील हो गया। रोड की बिगडी हुई हालत को देखकर विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में नियमों को ताक पर रखकर सीसी सडक पर रात के अंधेरे में डामरीकरण कर दिया जो कि एक आश्र्चय का विषय है। जबकि ये सडक परफारमेंश गारंटी में थी लेकिन नियमों की अनदेखी कर ठेकेदार को लाभ दिलाते हुये बिगडी हुई सडक पर डामरीकरण कर गल्ती को छुपा दिया गया।

दमोह में हुई इस तरह की लीपापोती को लेकर यहां के लोगों ने रास्ता रोककर जाम लगाया तथा इस घटिया सड़क निर्माण की कलेक्टर से शिकायत की इसके बाबजूद भी विभाग के अधिकारी आंखे मुंदे बैठे रहे। उन्हें यह भी डर नहीं रहा कि उनके इस कृत्य पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जायेगी। जनता कुछ दिन आवाज उठाने के बाद चुप बैठ गई जिससे इनको चैन आ गया और वर्तमान में यह सड़क लोगों का मुंह चिढा रही है, क्या ऐसा $कृत्य करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी? यह तो समय आने पर ही पता चलेगा।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!