फसल कपास की मुआवजा गेहुं का

खरगोन- जिन खेतो में कपास की फसलें लगी थी उन किसानों को बिना सर्वे किये ही हजारों रूपयें के चेक ओला पिडित बताकर बांट दिये। जिन लोगों को को चेक बांटे गये वो भाजपा से जुडे हुए है या भाजपा नेताओं के रिश्तेदार है।

सारे तथ्य उस समय सामने आये जब ग्राम रजुर में बिना ओलावृष्टी के बावजुद किसानों को मुआवजा वितरण के फर्जीवाडे की जाच करने पहुचे जिला कांग्रेस के जांचदल के समक्ष ग्राम रजुर के लोगों ने रखे। यहा के कृषक भाउ जापडु को ओलापिडित बताकर मुआवजा राशि का चेक दे दिया गया जबकी वास्तविकता में उनके खेत में कपास की सुखी फसल इस समय भी मौजूद है।

कुछ किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद होना बताया जा रहा है जबकी बाटे गये 16 लोगों में से 3 लोगो ने गेहूं की फसल बोई ही नही थी। ग्रामीणों की शिकायत के बाद जांच करने पहुंचे राजस्व विभाग के आरआई, पटवारी ने 16 में से मात्र 1 स्थान का ही निरीक्षण कर खानापूर्ति कर ली।

स्थानीय सरपंच रद्युनाथ चौहान पूर्व में ही लिखीत रूप से अनुविभागीय राजस्व खरगोन को शिकायत कर चुके है कि उनके ग्राम में बीते कुछ माह में न तो हवा आंधी आई और न ही ओलावृष्टी हुई तो ऐसे में ओलापिडित बताकर 16 लोगों को गलत तरीके से मुआवजा राशि वितरित की गई है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया की ग्राम रजुर जैसे कई मामले जिले भर में होने की संभावना है जिसमें राजस्व विभाग के अधिकारी और भाजपा के नेता आपस में मिलकर मुआवजा वितरण में फर्जीवाडा कर रहे है। और अपने अपने चेहतो को फायदा पहुचा रहे है। इस गौरख धंधे से उन किसानों को दोहरा नुकसान हो रहा है। जिनकी फसल ओलावृष्टी में खराब हो चुकी है। और उन्हे मुआवजा भी नही मिल रहा। यदि राजस्व विभाग के अधिकारी और सरकार ने इस तरह धांदली आगे भी जारी रखी तो कांग्रेस इसके लिये आंदोलन करेगी।

कांग्रेस के जांचदल में जिला कांग्रेस प्रवक्ता रवि नाईक, युथ कांग्रेस अध्यक्ष वाहिद खान, जिला निगरानी समिति सदस्य राजेष मण्डलोई, सांसद प्रतिनिधि ललीत जैन, जिला कार्यकारणी सदस्य दत्तात्रेय बार्चे, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पाटीदार, युनुस शाह शामिल थे। जहा पर उन्होने ग्रामीणों से वास्तवीक स्थिति की जानकारी ली और खेतो का निरिक्षण किया।

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