भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में घड़ी घड़ी वाकआउट का रिकार्ड बना रहे विपक्षी दल कांग्रेस ने आज फिर वाकआउट कर डाला। आज शहडोल वनविभाग द्वारा न्यायालय के एक आदेश की अवहेलना के मामले में वाकआउट किया गया।
हालांकि ऐसे मामलों में न्यायालय की अवमानना का प्रकरण संबंधित अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराया जा सकता था और न्यायालय के आदेश का तत्काल पालन भी हो जाता, परंतु बजाए मामलों को हल कराने के, हंगामा मचाने और फिर नतीजों से पहले चुप हो जाने वाली कांग्रेस ने शहडोल में आदिवासियों की जमीन पर वनविभाग के अवैध कब्जे का मामला विधानसभा में उठाया।
न केवल उठाया बल्कि एक बार फिर वाकआउट कर डाला। मध्यप्रदेश की शेष समस्याओं पर कोई चर्चा नहीं हुई। कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वर्ष 2010 में वन विभाग ने आदिवासियों व अल्पसंख्यकों की जमीन पर कब्जा कर मुनारे लगवा दी थी।
इस मामले को लेकर एडीजे कोर्ट ने आदिवासियों के पक्ष में फैसला दिया था। वन विभाग ने इस फैसले को डीजे कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन इस न्यायालय ने भी निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया था और निर्देश दिया था कि वन विभाग जमीन से मुनारे निकाले। लेकिन अभी तक वन विभाग ने कब्जा नहीं छोड़ा है।