मण्डला। समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर आंदोलनरत अध्यापकों ने आज सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिये भैंस के आगे बीन बजाकर उस पुरानी कहावत को चरितार्थ किया कि भैंस के आगे बीना बाजे भैंस खड़ी पगुराय।
अध्यापकों ने धरना स्थल पर यह प्रदर्शित करने का प्रयास किया कि म.प्र. की सरकार अध्यापकों के मामले में यही रवेया अपनाये हुये है। ज्ञातव्य हो कि अध्यापक, संविदा शिक्षक व गुरूजी विगत 23 दिनों से आंदोलनरत हैं लेकिन सरकार के कान में जॅू नहीं रेंग रही है। धरना स्थल पर भैंस रूपी सरकार को घेरकर अध्यापकों ने जमकर बीन बजाई और प्रदर्शित किया कि वर्तमान म.प्र. सरकार की स्थिति उस पगराती हई भैंस की तरह जो अपनी चारों ओर की आवाज को अनसुना कर अपने ही ख्यालों में मग्न है।
आमरण अनशन स्थगित- अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर प्रदेश जिला व ब्लाक मुख्यालयों में किया जा रहा आमरण अनशन शासन के आग्रह के बाद स्थगित कर दिया गया है लेकिन धरना व स्कूल ताला बंदी जारी रहेगी। जिला मुख्यालय एवं ब्लाकों में चल रहे आमरण अनशन को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के द्वारा समाप्त करा दिया गया है। जिला शाखा अध्यक्ष ने तत्सम्बंध में कहा कि निचले स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव, अध्यापकों के स्वास्थ्य में भारी गिरावट के चलते मोर्चा ने फिलहाल आमरण अनशन स्थगित कर दिया है।
दिल्ली का प्रोग्राम फिलहाल स्थगित- मोर्चा के प्रतिनिधियों की सरकार से लगातार चल रही वार्ता के चलते मोर्चा ने फिलहाल दिल्ली जाकर राजनाथ सिंह के घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। सरकार यदि शीघ्र अध्यापकों की नही सुनती है तो 17 मार्च तक घेराव का कार्यक्रम बन सकता है।
सरकार विज्ञापन में फिजूलखर्ची न करे- सरकार द्वारा अध्यापकों के हित किये गये कार्यो का बखान करने के लिये करोड़ों रूपये की फिजूलखर्ची विज्ञापन के रूप में सरकार कर रही है। सरकार ने शिक्षकों के कल्याण के लिये म.प्र. सरकार के प्रतिबद्व कदम के नाम से विज्ञापन जारी किया है विज्ञापन के जारी होने से यह सिद्व होता है कि सरकार पर आंदोलन का गहरा असर है वह अध्यापकों को समझाने में असफल रही है और अब आम जनता को भ्रमित करना चाह रही है। जारी विज्ञापन में सरकार ने यह बताया है कि वर्ष 2003 में अध्यापकों का बजट 418करोड़ था जबकि वर्ष 2013 में बढ़कर 2982 करोड़ हो गया है सरकार यह बताना चाह रही है कि बजट में वृद्वि सिर्फ अध्यापकों के वेतनवृद्वि के कारण है सरकार ने यह नहीं बताया कि 2003 में मात्र अध्यापक लगभग 1 लाख थे और 2013 में यह संख्या लगभग 3 लाख हो गई है क्या सरकार यह नहीं जानती है कि 2003 की मंहगाई और 2013 की मंहगाई में जमीन आसमान का अंतर आ गया है। जारी विज्ञापन में सरकार ने यह नहीं बताया है कि इस सबके बावजूद भी अध्यापकों का वेतन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से अधिक करने में सरकार सफल नहीं हो पाई है सरकार ने अपने विज्ञापन में यह नहीं बताया कि उसने पिछले 15 वर्षो में शिक्षकों को कितना दिया है और अध्यापकों को कितना दिया है। पिछले 15 वर्षो में अध्यापकों और शिक्षकों के वेतन में की गई वृद्वि एक नजर में-
इस प्रकार सरकार ने पिछले 15 वर्षो में सहायक शिक्षकों के वेतन में 25442रू. की वृद्वि की है जबकि अध्यापकों के वेतन में मात्र 7311रू. की वृद्वि की है। सरकार में यदि दम है तो बताये कि उसने पिछले 15 वर्षो में विधायकों के वेतन और भत्तों में कितनी वृद्वि की है।
आंदोलन जारी- अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा के प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार और संयोजक ब्रजेश शर्मा ने कहा है कि मांगो के पूरा होने तक स्कूलों की तालाबंदी, परीक्षा और मूल्यांकन का बहिष्कार लगातार जारी रहेगा साथ ही भोपाल जिला व ब्लाक मुख्यालय में धरना जारी रहेगा।
असली बात तो छिपा ही गई शिवराज सरकार अपने विज्ञापन में
पांढुरना। अध्यापक-सं.शा.शिक्षक संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में धरना प्रदर्शन के 20 वें दिन प्रांतीय आव्हान पर आमरण अनशन दोपहर 3:00 बजे अनशनकारी पवन गुड़धे एवं दीपक जैसवाल को जूस पिलाकर खत्म किया गया। अनिष्चितकलीन धरना प्रदर्शन जारी रहेंगा।
धरना स्थल पर सभी आंदोलनकारी प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे। शासन द्वारा एक समाचार पत्र में विज्ञापन के माध्यम से अध्यापक एवं संविदा शाला षिक्षकों के वेतन वृद्धि का दिखावा किया गया है, लेकिन नियमित शिक्षकों की तुलना का चार्ट उसमें न देकर शासन ने अपनी शोषणकारी नीति को छुपाया गया है। शासन द्वारा 2003 की तुलना में शिक्षाकर्मियों एवं सं.शा.शिक्षकों के वेतन की तुलना वर्तमान वेतन से कर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर अध्यापकों द्वारा की जा रही हड़ताल के विरोध में वातावरण निर्मित करने की योजना के तहत् यह विज्ञापन प्रकाषित किया है।
मोर्चा के संयोजक रमेंश पाटिल द्वारा शासन से 2003 के अनुपात में महँगाई में हुई बेतहाषा वृद्धि के हिसाब से वर्तमान वेतनमान नाकाफी बताते हुये समान काम के लिये समान वेतनमान लेने की बात कहते हुये समस्त अध्यापकों से एकजुटता के साथ आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। मोर्चा के प्रवक्ता दिनेष डोंगरे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि, हम साप्ताहिक बाजारांे में जाकर आमजन करे हमारे शोषण की गाथा बताते रहेंगे। हमारे प्रांतीय अध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार ने आमरण अनषन से एक कदम पीछे हटकर शासन को आगे बढ़ने का अवसर दिया है, जिसका म.प्र.सरकार को लाभ उठाते हुये अध्यापकों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर समान काम के बदले समान वेतनमान एवं षिक्षा विभाग में संविलियन करना चाहिए। शासन ने बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन तो कोटवारों, आषा कार्यकर्ताओं, अतिथि षिक्षकों की मदद् से निपटाने की कोषिष अव्यवस्थाओं के बीच की है लेकिन क्या शासन मूल्यांकन का कार्य भी इन कोटवारों एवं आषा कार्यकर्ताओं के माध्यम से पूर्ण करा पायेगा। प्रांताध्यक्ष के आव्हान पर प्रदेष के मुखिया श्री षिवराज सिंह एवं उनके मंत्रीयों का घेराव करने का भी आव्हान किया है जिसका भी विकास खण्ड के मोर्चा द्वारा पालन किया जावेगा।
10 मार्च को दिल्ली की रैली स्थगित, धरना जारी
गोहद। गोहद ब्लाक में अध्यापक आंदोलन में प्रांतीय नेतृत्व के आव्हान पर अनशन तोड दिया गया है परन्तु धरना आंदोलन जारी है। जसमन्त सिंह गुर्जर ने बताया कि सरकार की हठधर्मिता के चलते संगठन के साथ बैठकों का दोर बे नतीजा रहा इसलिये प्रांतीय अध्यक्ष श्री मुरलीधर पाटीदार द्वारा मीडिया पर अनशन समाप्त करने की घोषणा की है।
अध्यापको के 09 मार्च के दिल्ली कार्य क्रम को शिवरात्रि के त्यौहार के चलते रूथगित कर दिया गया है। अतः अब अध्यापक नई रणनीति के तहत 24 मार्च को देश राजधानी में भारती जनता पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथसिंह से मिलेंगे और अपनी समस्याओं से अवगत करायेंगें । इसी बीच अध्यापक संयुक्त मोर्च के अध्यक्ष भ्ण्उि जिले का दौरा करेगें। अध्यापको ने सरकार की नीतियों और घोटालों को जनता के बीच ले जाने का फैसला किया है। अब अध्यापक जगह-जगह भारती जनता पार्टी के प्रतिनिधियों का बहिष्कार करेंगें।
हर अध्यापक अपने और अपने परिचितो के स्टीकर लगायेंगें जिसमें भारतीय जनता पार्टी कार्यकताओं से सम्पर्क न करने की अपील की जायेगी। संयुक्त मोर्चा की कार्यकारिणी द्वारा सभी अध्यापको से अपील की गई है कि प्रांतीय नेतृत्व के निर्देषानुसार सभी अध्यापक हडताल पर बने रहेंगें। अपील करने बालों में जसमन्त सिंह गुर्जर, राघवेन्द्रसिंह तोमर, सचेन्द्र कांकर, महेश शर्मा, प्रमिला गुर्जर, रचना तोमर, प्रदीप षर्मा (बौहरे), रामसेवक दिनकर, रामकुमार षर्मा, लक्षमन माहौर, पुलन्दरसिंह गुर्जर, करतारसिंह गर्जर, रामबाबू सगर, अषोक चैरसिया, सत्यभान गुर्जर, देवेन्द्र सिंह गुर्जर, बसंत पारासर, महेष गिरि श्रीमती माया देवी,
मझौली में मांग के समर्थन में सुन्दर काण्ड का पाठ
मझौली। अध्यापकों का अनिश्चित कालीन आन्दोलन जो विगत 18 फरवरी से प्रारम्भ होकर आज 20 वें दिन अपनी मांगों ’समान कार्य - समान वेतन‘, ’शिक्षा विभाग में संविलियन‘ व छठवें वेतन मान का लाभ का आदेश म0प्र0 शासन से तत्काल जारी करने व पिछले कई वर्षों से अध्यापक, संविदा व गुरूजी को शोषण से मुक्त करने का आहवान किया है।
ब्लाक इकाई मझौली के अध्यापकेां ने तहसील प्रांगण के सामने धरना स्थल पर अपनी मांगों का पुरजोर समर्थन करते हुये म0प्र0 शासन से आर-पार की लडाई लडने का ऐलान किय है। धरना स्थल पर पधारे हुये ब्लाक इकाई के सभी अध्यापकेां द्वारा शासन को जल्दी सद्बुद्धि प्राप्त हो इसके तारतम्य में सुन्दर काण्ड का आयोजन किया गया।
अध्यक्ष पद्मधर द्विवेदी ब्लाक इकाई मझौली द्वारा विज्ञप्ति जारी कर यह बताया गया कि सरकार के सकारात्मक रूख एवं अनुरोध के चलते आमरण अनशन व क्रमिक भूख हडताल को बन्द किया गया है। किन्तु अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा का आन्दोलन तब तक जारी रखा जायेगा जब तक कि म0प्र0 शासन हमारी मागों पर विचार करते हुये आदेश जारी नही करती है।
साथ ही समस्त अध्यापक संविदा, गुरूजी से यह निवेदन किया गया है कि अपनी मागों के समर्थन में विद्यालय व परिक्षाओं का वहिष्कार करते हुये आन्दोलन में डटे रहने की अपील की गई है।
आन्दोलन के समर्थन में धरना स्थल पर अशोक मिश्रा (बी.आर.सी.सी.), विनय मिश्रा (बी.ए.सी.), हनुमान प्रसाद तिवारी (बी.ए.सी.) महेश प्रजापति (बी.ए.सी.) कमलाकर सिंह (सी.ए.सी.) संजय तोमर (सी.ए.सी.) अशोक वैश्य (सी.ए.सी.) सन्तोष कचेर (सी.ए.सी.) ब्रजभान सिंह (सी.ए.सी.) अध्यापक ज्ञानेश्वर मिश्रा, राजेश शर्मा, राजेश्वर सिंह, पी.एन. मिश्रा, रामेश्वर मिश्रा, सुशील कुमार तिवारी, रामप्रकाश द्विवेदी, सतीश सूर्यवंशी, अनिल सैंण्डिल्य, रामाश्रय साकेत, मनेाज वर्मा, अम्ब्रीश गुप्ता, वन्दना नामदेव, रामकली वर्मा, राजेन्द्र तिवारी, अखिलेश कुमार गुप्ता, राकेश गुप्ता एस.एल. शाह, सनत तिवारी, कृष्ण कुमार तिवारी वैजनाथ सिंह पोर्ते आदि सैकडों की संख्या में अध्यापकगण उपस्थित रहे।
केसली के अनशनकारियों को संभागीय अध्यक्ष ने पिलाया जूस
केसली। अध्यापक संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में दिनांक 09.03.2013 को भी विकासखण्ड केसली जिला सागर में अनशन जारी रहा । सचिव श्री संदीप कुमार सोनी ने कहा-“जब तक सरकार कोई सकारात्मक फैसला नहीं लेती तब तक अनशन जारी रहेगा । ”
अध्यापक संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय आव्हान पर सरकार के सकारात्मक रूख को देखते हुए आज दिनांक 09.03.2013 के दोपहर 2 बजे जिला से पधारे संभागीय अध्यक्ष श्री राममिलन मिश्रा,जिला अध्यक्ष श्री बलवंत यादव, संभागीय प्रवक्ता श्री मनोज नेमा ,संभागीय सचिव श्री आलोक गुप्ता , सागर ब्लाक अध्यक्ष श्री अनिल चौबे, देंवेंद्र ठाकुर मण्डल उपाध्यक्ष एवं केसली के समस्त अध्यापकों की उपस्थिति में श्री कैलाश व्यास ,श्री सुरेंद्र पाराशर एवं श्री बृजेश शुक्ला को जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्ति की घोषणा की एवं सभी अध्यापक संवर्ग से मांगें पूरी होने तक स्कूलों की तालाबंदी एवं अनशन जारी रखने की अपील की ।
उपस्थित सदस्यों में महेंद्र सिंह ठाकुर ओ.पी.विष्वकर्मा,धर्मेंद्र दुबे,अनिल श्रोति,अरविंद साहू,संदीप सोनी,प्रमोद चैबे,रामसनेही दुबे, षिवकुमार सिंह,रामचरण कोरी,लालसींग गौंड़ कृष्ण कुमार दांगी, अर्जुन सिंह,अवधेष सोनी,कोमल सिंह दांगी ,राजेष विष्वकर्मा,भगवत शरण पाण्डे,मनीष पाराषर, रामसुजान चढ़ार ,गनेष अहिरवार,बी.पी.बंसल,गुलाबसिंह लोधी,लक्ष्मण सिंह लोधी ,गोटीराम गौंड़ ,लखनसिंह, बसंत सिंह लोधी,अमोल अहिवार,मुरारीलाल सकवार,षरद कुमार चढ़ार,अमित कुमार दुबे,रविंद्र सिंह ठाकुर, दुर्गेष सिंह राजपूत ,रंजीत सिंह ठाकुर,माधव सिंह ठाकुर ,करन सिंह लोधी,देवेंद्र सिंह लोधी,दिनेष साहू,पुरूषोत्तम चढ़ार ,विनोद कुमार पटैल,रामबाबू दीवान,पवन कुमार दीवान,राजेंद्र सिंह राजपूत,रामलाल चढ़ार ,मंजूलाल दीवान,देवराजसिंह,राजकुमार राजपूत,कमलेष आठिया,षिवकुमार सिंह,राकेष उपाध्याय आदि सैकड़ों की तादाद में थे ।