भोपाल। राजस्थान के रणथम्भौर अभयारण्य से भागा बाघ का शावक इन दिनों मध्यप्रदेश के जंगलों में छिपा हुआ है। मजेदार तो यह है कि रणथम्भौर अभयारण्य के अधिकारी उसकी तलाश में एमपी के जंगलों में भटक रहे हैं, परंतु मध्यप्रदेश का वनविभाग उसे छिपाए रखने में दिलचस्पी दिखा रहा है।
राजस्थान वनविभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि पिछले दिनों रणथम्भौर अभयारण्य से निकले बाघ (टी-26 का शावक) अभी भी मध्यप्रदेश के जंगलों मे ही विचरण कर रहा है। वनकर्मियों को रविवार को बाघ के पुराने पगमार्क मिले हैं।
संभावना जताई जा रही है कि पगमार्क दस दिन पुराने हैं। वहीं बाघ की ट्रेकिंग में मध्यप्रदेश के स्टाफ द्वारा सहयोग नहीं किए जाने से भी परेशानी हो रही है। सहायक वन संरक्षक नरेन्द्र कुमार ने बताया कि मध्यप्रदेश के जंगलों में बाघ की तलाश के लिए रणथम्भौर से एक टीम भेजी गई थी।
एमपी के विजयपुर इलाके में रविवार को करीब दस दिन पुरानी मृत गाय पड़ी मिली। आस-पास देखने पर बाघ के पगमार्क दिखाई दिए। इससे पता चला कि बाघ ने ही गाय का शिकार किया है। इससे उसके उसी इलाके में होने की संभावना नजर आती है। इसके बाद से दल लगातार ट्रेकिंग में लगा है। टीम में केशव चंद बंसल, हनुमान गुर्जर व एस. के. श्रीवास्तव शामिल थे।
गौरतलब है कि बाघ 30 जनवरी को करणपुर होते हुए एमपी पहुंच गया था। उसके बाद से ही रणथम्भौर का स्टाफ ट्रेकिंग में जुटा हुआ है, लेकिन तब से बाघ नजर नहीं आ रहा था। इसके चलते वनकर्मियों मे चिंता बनी हुई थी। अब पगमार्क मिलने से वनकर्मियों ने राहत महसूस की है कि बाघ इलाके में सुरक्षित है।