फर्जी एज्यूकेशन बोर्ड पकड़ा: फेल स्टूडेंट्स को कर दिया जाता था फटाफट पास

भोपाल। राजधानी के तलैया इलाके में सेंट डिसूजा स्कूल के कमरों में भारत का भविष्य नहीं, जाली अंकसूचियां तैयार की जातीं थीं। 2001 से शुरू हुआ यह कारोबार पूरे के पूरे फर्जी एज्यूकेशन बोर्ड में तब्दील हो गया था। 10वीं, 12वीं आपको जो भी चाहिए, फटाफट पास करवा दिया जाता था।

तलैया पुलिस ने राजधानी के एक स्कूल संचालक को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से बड़ी संख्या में जाली अंकसूचियां और अंकसूची बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया की आरोपी जाली अंकसूची के इस गोरखधंधे में करीब 12 साल से जुड़ा हुआ था। पुलिस ने पूछताछ के लिए आरोपी को पांच दिन की रिमांड पर लिया है। तलैया पुलिस के मुताबिक रेतघाट निवासी अफसर पुत्र अनवर खां रेतघाट पर शकीला बानो बिल्डिंग में सेंट डिसूजा नाम से स्कूल संचालित करता है। स्कूल संचालन के लिए उसने मदरसा बोर्ड से अनुमति ले रखी है।

पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी स्कूल की आड़ में पास कराने का ठेका लेता है, और बदले में लोगों को जाली अंकसूची थमा देता है। सूचना के आधार पर पुलिस ने सोमवार सुबह छापा मारा, तो स्कूल से 300 नकली अंकसूचियां और विभिन्न अधिकारियों और संस्थाओं की 29 सीलें मिलीं हैं। बताया गया है कि ये सीलें भोपाल के अलावा जबलपुर के अधिकारियों और संस्थाओं के नामों की हैं।

पुलिस को मौके से कलर स्केनर और प्रिंटर भी मिला है। उनके पास से बरामद अंकसूचियां मदरसा बोर्ड और राज्य ओपन स्कूल की बतायीं गई हैं। बताया गया है कि आरोपी ने यह स्कूल 2001 में खोला था, वह तभी से जाली अंकसूचियां तैयार कर बेच रहा था। आरोपी गिरतार करने के बाद को न्यायालय में पेश कर 9 मार्च तक के रिमांड पर लिया है।

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