भोपाल। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सही समय पर सही निशाना लगाया है। उन्होंने विधानसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकाड़ों को कुछ इस तरह जमाया कि देखने वालों के रोंगटे खड़े हो जाएं। महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले में जो रिपोर्टकार्ड पेश किया गया है उसमें शिवराज सरकार पूरी तरह से फैल दिखाई दे रही है।
नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा है कि अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सौगात यह है कि आज देश में महिलाओं के लिए सर्वाधिक असुरक्षित प्रदेशों में उन्होंने मध्यप्रदेश को पूरे देश में अव्वल बना दिया है जो प्रदेश वासियों के लिए शर्मनाक है।
रेप के बाद हत्या के 1492 आरोपी बरी
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि बातों के धनी, कामों से कंगाल भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री का बेटियों के प्रति नकली प्रेम उन्हीं के आंकड़े बताते है। उन्होंने कहा कि सरकार ने खुद स्वीकार किया कि दस साल से कम उम्र की बालिकाओं से ज्यादती कर हत्या करने के 1281 प्रकरणों में जहां 377 आरोपियों को सजा हुई वहीं 1497 आरोपी बरी हो गए। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस प्रदेश को पूरे देश में अजब-गजब बना दिया है।
मात्र 9 साल में बना बलात्कारियों का प्रदेश
श्री सिंह ने कहा कि हाल ही में एक सर्वे ने मध्यप्रदेश को पूरे देश में शर्मिंदा कर दिया। जिसमें मध्यप्रदेश को पूरे देश में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित प्रदेश बताया है। श्री सिंह ने कहा कि एक समय था मात्र दस वर्ष पूर्व अपराधों और महिलाओं की सुरक्षा के मामले में हमारा प्रदेश सुरक्षित था, लेकिन 3-13 करने वाले मुख्यमंत्री ने मात्र 9 वर्ष में ही प्रदेश को अपराधियों और बलात्कारियों का प्रदेश बना दिया।
महिला विरोधी हो गए हैं मुख्यमंत्री
श्री सिंह ने कहा चार साल में पांच हजार लड़कियां गायब हो गई। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला तथ्य यह है कि मुख्यमंत्री के सीधे जद में रहने वाला भोपाल, उनका गृह जिला सीहोर और विदिशा में पिछले चार साल में 3 हजार से अधिक लड़कियां गायब हुई और 770 के साथ बलात्कार हुआ। पूरे प्रदेश में यह आंकड़े तीस हजार को छू रहा है। श्री सिंह ने कहा की नाकाम और स्वयं स्वभाव से कानून को धता बताने वाले व्यक्ति को गृहमंत्री बनाकर मुख्यमंत्री ने बता दिया है कि उनकी महिलाओं के प्रति सुरक्षा और अपराधियों पर अंकुश लगाने की कोई मंशा नहीं है। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अब तक किसान विरोधी है अब वे महिला विरोधी भी हो गए हैं।
86 दिनों में 708 रेप और 64 गैंगरेप
कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने राज्य सरकार से यह जानना चाहा कि 1 नवम्बर 2012 से 25 जनवरी 2013 की अवधि के दौरान कितनी घटनाएं हुई ? राज्य सरकार की और से गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने जो लिखित उत्तर दिया वह चिंताजनक है। गृहमंत्री के अनुसार 1 नवम्बर 2012 से 25 जनवरी 2013 की अवधि के बीच कुल 86 दिनों में 708 बलात्कार और 64 सामूहिक बलात्कार की घटनाएं दर्ज की गई है। बलात्कार की शिकार महिलाओं में 241 अनूसूचित जाति, 152 अनूसूचित जनजाति, 229 पिछड़ा वर्ग और 86 सामान्य वर्ग की है। इस अवधि में 298 युवतियों, महिलाओं के साथ ही 410 नाबालिग बच्चियों से भी दुष्कृत्य किया गया। दुष्कृत्य के बाद 5 महिलाओं ने आत्महत्या कर ली। 86 दिनों की इस अवधि में सामूहिक बलात्कार की 64 घटनाएं 41 युवतियों, महिलाओं और 23 बच्चियों के साथ हुई।
115 मामलों में से केवल 1 में सजा
पिछले चार साल में ग्वालियर जिले में 115 महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की घटनाओं के आरोपियों में से केवल एक मामले में ही दोष सिद्ध हो सका। बाकी 114 सामूहिक दुष्कृत्य की घटनाओं के आरोपी अब भी सजा से दूर है।
पिछले 13 महीनों से हर दिन 9 बलात्कार
गृहमंत्री ने बताया कि 1 जनवरी 2012 से 31 जनवरी 2013 तक मध्यप्रदेश में बलात्कार के 3 हजार 734 प्रकरण दर्ज किये गए है जबकि वर्ष 2008 से जनवरी 2013 तक सामूहिक बलात्कार की 1 हजार 570 घटनाएं दर्ज की गई है। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बलात्कार की घटनाओं के आकड़ों से यह जाहिर है कि मध्यप्रदेश में पिछले 13 महीनों में हर दिन 9 महिलाएं बलात्कार की शिकार हुई है।
गैंगरेप में ग्वालियर नंबर 1
आकड़ों का विश्लेषण यह बताता है कि सामूहिक बलात्कार के मामले ग्वालियर जिले में अधिक हो रहे है। इस अवधि में बैतूल जिले में 30, इंदौर जिले में 29, राजगढ़ जिले में 25, सतना जिले में 23, छिंदवाड़ा और सगर जिले में 22-22, भोपाल और जबलपुर में 24-24 बलात्कार के प्रकरण दर्ज किये गए है।