भोपाल। संघ के शार्टकट से युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने अमरदीप मोर्य इन दिनों पब्लिक एक्सपोजर की तलाश में भटक रहे हैं। वो चाहते हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल किया जाए परंतु कोई उन्हें इनवाइट ही नहीं करता।
बात बहुत पुरानी नहीं है जब अमरदीप ने विस्तारक के रूप में संघ की सेवा शुरू की थी परंतु संघ के प्रचारक प्रमोद पंडिट सेट होने वालों में से नहीं थे, इसलिए अमरदीप मार्य की दाल नहीं गली और वो घर लौट गए।
संघ के एक अन्य प्रचार दिनकर सबनीस ने उन्हें वापस मैनस्ट्रीम में ला दिया और भाजपा में संगठनमंत्री बनवा दिया। बस फिर क्या था, देखते ही देखते उन्होंने महामंत्री अरविंद मेनन की कृपा हासिल कर ली और संघ के टिकिट पर युवा मोर्चा के निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित हो गए। भाजपा की हालत ही कुछ ऐसी है, जो संघ के संग होता है उसे बेकडोर इंट्री देनी ही पड़ती है। चाहे फिर वो युवा मोर्चा हो या राष्ट्रीय कार्यकारिणी।
अब मौर्य अध्यक्ष तो बन गए, लेकिन जनता को जुटाना और समर्थकों के बीच लोकप्रिय होने की कसरत तो उन्होंने की ही नही, इसलिए इन दिनों में खाली हैं। कोई काम ही नहीं है। लोग मिलने ही नहीं आते। इससे ज्यादा तो संगठन मंत्री रहते हुए आ जाया करते थे।
किसी ने कान में सलाह दी कि जनता के बीच जाओ। सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत करो। अपना टारगेट युवा मोर्चा नहीं इन्दौर की विधानसभा नंबर 1 है, जो अमरदीप जी लग गए कार्यक्रमों में शिरकत करने। छोटे से छोटे कार्यक्रम में भी टाइम पर पहुंच जाते हैं अमरदीप बावजूद इसके उन्हें आमंत्रित करने वालों की संख्या बहुत कम है।
अब उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वो कैसे लोगों को यह बताएं कि वो कार्यक्रमों में बतौर अतिथि आना चाहते हैं, कृपया उन्हें भी बुलाइए। हमने कहा चलो इतनी मदद तो अपुन कर ही सकते हैं, सो कर दी।