भोपाल। मध्यप्रदेश के आवास एवं पर्यावरण मंत्री जयंत मलैया सामान्यत: विषय को टालने वाले नेता माने जाते हैं। कहते हैं जब तक बहुत जरूरी न हो जाए मंत्रीजी साइन नहीं करते। शायद इसी आदत ने उन्हें विधानसभा में माफी मांगने पर मजबूर कर दिया।
मंगलवार को उन्होंने समय पर प्रतिवेदन पटल पर नहीं रखने पर सदन से माफी मांगी। विधानसभा में जल संसाधन और अन्य विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा प्रस्तावित थी। चर्चा से करीब 20 मिनट पहले सदन में प्रतिवेदन रखे गए। इस पर कांगे्स विधायक ब्रजराज सिंह ने आपत्ति जताई कि उन्हें दो मिनट पहले प्रतिवेदन मिले हैं।
बगैर अध्ययन किए चर्चा संभव नहीं है। इस पर मंत्री ने माफी मांगी। मलैया से जुड़े विभागों की अनुदान मांगों पर बुधवार को चर्चा होगी। समय से पहले ही सदन स्थगित कर दिया गया।