भोपाल। लोकायुक्त में बहुचर्चित मामलों को छोड़कर ज्यादातर शिकायतें जांच में फर्जी पाई जातीं हैं। अब ये शिकायतें ही फर्जी होतीं हैं या सेटलमेंट होने तक जांच को रोका जाता है यह शोध का विषय है। फिलहाल आंकड़े यह कहते हैं कि जनवरी 2009 से 31 दिसंबर 2012 तक कुल 676 शिकायतें हुईं, 321 में जांच जारी है और 355 मामले समाप्त कर दिए गए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में बताया कि जनवरी 2009 से 31 दिसंबर 2012 तक लोकायुक्त संगठन की शिकायत एवं जांच शाखा में 676 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसमें से 321 शिकायतों की जांच की जा रही है। भाजपा विधायक विश्वास सारंग के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि शेष 355 शिकायतों की जांच के बाद प्रकरणों को समाप्त कर दिया गया है।
संगठन की तकनीकी शाखा को इस अवधि में कुल 20 शिकायतें मिली हैं और इसमें तीन शिकायतों में जांच की कार्यवाही की जा रही है। शेष 17 शिकायतों की जांच पूर्ण कर प्रकरण को समाप्त कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में इस अवधि में 351 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें 141 शिकायतें सत्पापन में है और 37 शिकायतों में जांच के बाद आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए है। शेष 137 शिकायतों को प्राथमिक जांच के बाद नस्तीबद्ध किया गया है।
इस जबाव में स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया गया कि कितने मामलों में चालान पेश किए गए और कितने मामलों में लोकायुक्त आरोपियों को सजा दिलाने में कामयाब रहा।