सिवनी मालवा। होशंगावाद जिले की सिवनी मालवा तहसील के औला पीडि़त किसान बीमा राशि और मुआबजे की मांग को लेकर तहसील कार्यालय के सामने बैठे है. किसानों के आन्दोलन के छठवें दिन तक किसी भी जनप्रतिनिधी ने किसानो की सुध नहीं ली जिससे नाराज किसानों ने क्षेत्रीय विधायक एवं वन मंत्री सरताज सिंह के पुतले की अर्थी निकाली और अंतिम संस्कार कर विरोध जताया.
ओला पीडि़त किसान संधर्ष समिति द्वारा वनमंत्री के पुतले की अर्थी निकाली जो तहसील कार्यालय के सामने मुख्य मार्गो से होकर धरना स्थल पर लेकर आए बहां पर पुलिस और किसानों के वीच झड़प हुई परन्तु किसानों ने विरोध किया और वनमंत्री सरताजसिंह का पुतला जलाया जिसे पुलिस कर्मियों के द्वारा पानी डालकर बुझाया गया और अधजला पुतला लेकर पुलिस कर्मी स्थल से दूर भाग गए. पुलिस के विरोध के पश्चात भी किसानों ने वन मंत्री के पुतले का अंतिम संस्कार कर दिया.
वनमंत्री के पुतले की अर्थी निकालते समय भी पुलिस ने किसानों को रोका था परन्तु किसान नहीं मांने और पुतले की अर्थी निकाली कुछ देर पश्चात अंतिम संस्कार किया गया. धरना स्थल पर किसानों और पुलिस के वीच जद्दोजहद काफी देर तक होती रही. ओला पीडित किसानों ने बताया कि सरकार के खिलाफ पीडि़त किसान मांगे मनवाने कर रहे आन्दोलन के छटबें दिन भी जनप्रतिनिधी और प्रशासनिक अधिकारियों ने सुध नहीं ली जवकि भाजपा के मंत्रीजी अपने कार्यकर्ताओं के साथ जश्र मनाते रहे जिससे किसानों में आक्रोष व्याप्त है.
उन्होंने बताया कि तहसील के पीडित किसान मुआवजा राशि और बीमा राशि के लिए छै दिन से धराना प्रदर्शन कर रहे है परन्तु उनकी सुध लेने कोई नहीं आया. औला पीडित किसानों ने वताया कि भाजपा सरकार में बैठे जनप्रतिनिधी जश्र मना रहे है और हम किसान परेशान हो रहे है. किसानों ने बताया कि मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में अन्तर है. शिव की सरकार और बीमा कम्पनी दोनों मिलकर किसानों का पैसा खा रहे है.
शिवराज की भाजपा सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया. बीमा राशि की प्रीमियम प्रतिवर्ष बीमा कम्पनी काटती है और राशि देने में आनाकानी करती है सरकार शीध्र ही बीमा राशि किसानों के ऋण खातों में जमा कराए और किसानों के कर्ज मांफ करें. ज्ञातहो कि किसान नेता कमलसिंह रधुबंशी एवं अरविन्द्र सौहरोत, मुकेश रधुबंशी के नेतृत्व में बीमा कम्पनी का पुतला दहन, शिवराज सरकार के खिलाफ अर्ध नग्न प्रदर्शन किया था. इस अबसर पर रामेश्वर पटेल, महेश बरखेडिया, बिनोद निशानिया, शिवदयालसिंह, अशोक पटेल, ओमप्रकाश, किशोरी पटेल भोला रधुबंशी, राजेन्द्र रधुबंशी ,बलराम पटेल, सीताराम रधुबंशी, गम्भीरसिंह रधुबंशी, बिजय पटेल, रामपाल लौबंशी सहित अनेक गांब के किसान उपस्थित थे।