भोपाल। राजधानी में डिपौ चौराहा इलाके में अपने भाई से मिलने आया एक अध्यापक चार मंजिला मकान से कूद गया। इस घटना में उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अध्यापक संयुक्त मोर्चा के प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार एवं मृतक के भार्इ् का कहना है कि संविलियन न होने के कारण उसने आत्महत्या कर ली, जबकि पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट में ऐसा कुछ नहीं लिखा।
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम तरेना जिला राजगढ़ में पदस्थ अध्यापक गोविंद सिंह बानिया उम्र 30 वर्ष ने आज राजधानी के शयाद्री परिसर में बने अपने भाई के सरकारी क्वार्टर वाली चार मंजिला बिल्डिंग की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना सुबह 9 बजे की बताई जा रही है। गोविंद सिंह मूलत: ग्राम महुकलां तहसील बुधनी जिला सीहोर का रहने वाला है एवं उसका भाई भोपाल में कार्यरत है।
इस मामले में संयुक्त अध्यापक मोर्चा के अध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार का आरोप है कि आर्थिक तंगी के चलते अध्यापक ने आत्महत्या कर ली, जबकि मृतक के भाई ने बताया कि संविलियन न होने के कारण वो परेशान था और इसी के चलते उनसे चार मंजिला बिल्डिंग से छलांग लगा ली।
इसी मामले में थाना कमलानगर के टीआई राजेन्द्र रघुवंशी ने भोपालसमाचार.कॉम को बताया कि आत्महत्या की घटना सही है परंतु जैसा कि बताया जा रहा है वैसा कुछ गोविंद के सुसाइड नोट में नहीं लिखा है। श्री रघुवंशी ने बताया कि सुबह करीब 9 बजे गोविंद ने अपने पिता को एक चिट्ठी थमाई और दौड़ते हुए छलांग लगा दी। यह सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि उसके पिता भी कुछ नहीं समझ पाए।
गोविंद के पिता ने पुलिस को जो सुसाइड नोट सौंपा है उसमें लिखा है कि 'मैं अपनी मौत का जिम्मेदार खुद हूं एवं किसी को परेशान न किया जाए।' श्री रघुवंशी ने बताया कि हमने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।