नीमच। मप्र शासन द्वारा प्रोसेस सर्वर (राजस्व वसूली भृत्य) के पद स्वीकृत कर छह माह के लिए भृत्यों की नियुक्ति की जाती है जिसमें नीमच जिले की तहसीलों जावद, नीमच, मनासा में अनुविभागीय अधिकारियों ने भारी भ्रष्टाचार कर निम्न श्रेणी के कर्मचारियों से घूस लेकर नियम विरूद्ध नियुक्ति की गई।
शासन द्वारा स्पष्ट आदेश दिया गया कि जो प्रोसेस सर्वर पूर्व में कार्य कर रहे थे उन्हें नियुक्ति दी जावें एवं यथासंभव स्थानीय निवासी को किंतु ग्राम बावल, जावद तहसील के निवासी को जीरन तहसील में तथा नीमच तहसील के निवासी को मनासा में तथा नीमच तहसील के निवासी को जावद में नियुक्ति दी गई जबकि वर्ष 2005 से लगातार निरंतर प्रोसेस सर्वर के पद पर कार्य करते रहे श्री महेश कुमार बैरागी निवासी जावद को अचानक तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री एन.के.वीरवाल ने हटाकर अपने निजी वाहन चालक श्री राजेन्द्रसिंह को नियुक्ति दी गई।
जब श्री बैरागी ने तत्कालीन कलेक्टर डा संजय गोयल के समक्ष में आवेदन प्रस्तुत किया तो श्री गोयल ने आगामी वर्ष में श्री बैरागी को प्राथमिकता से नियुक्ति हेतु अनुविभागीय अधिकारी को लिखा किंतु वर्ष 2013 में अनुविभागीय अधिकारी श्री जी.आर.पटले द्वारा पुनः श्री राजेन्द्रसिंह निवासी जावद एवं श्री तुलसीराम मेघवाल निवासी नीमच को प्रोसेस सर्वर के पद पर नियुक्ति दी गई एवं श्री बैरागी जो कि वर्ष 2005 से निरंतर उक्त पद पर नियुक्त होता रहा है एवं पूर्ण निष्ठा से कार्य करता रहा है उसको नियुक्ति नहीं दी गई।
जावद तहसील में श्री तुलसीराम मेघवाल को नियुक्त किया गया है जो वर्ष 2005 से ही जिले के अधिकारियों के बंगले पर ही कार्यरत् होकर एक दिन भी जावद तहसील कार्यालय में आकर अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया फिर भी श्री तुलसीराम का वेतन प्रतिमाह आहरित होता रहा है जिससे शासन को कितनी हानि हुई एवं माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज जी के राज में ऐसा भ्रष्टाचार होकर एक निम्न श्रेणी के कर्मचारी के साथ इसप्रकार अन्याय होता है तो प्रदेश में ऐसे कई लोग इस भ्रष्टाचार के शिकार हो रहे होगें ।