भोपाल। भाजपा के सदस्य प्रेमनारायण ठाकुर ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से प्रदेश में औपचारिकेत्तर शिक्षा योजना के तहत कार्यरत पर्यवेक्षकों तथा अनुदेशकों को पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद नियुक्ति नहीं दिये जाने के मामले में सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
ठाकुर और इसका जवाब दे रहे संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच इस मामले के सवालों और जवाबों को लेकर कई बार बहस भी हुई। बहस तेज होने पर मंत्री ने सदस्य को स्पष्ट कह दिया कि वे सीधे उनसे पूछे जा रहे सवालों का न तो कोई जवाब देंगे और न ही कोई आदेश देंगे। सवाल आसंदी के माध्यम से पूछे जाएं। इस पर मंत्री और सदस्य के बीच तीखी झड़प हो गई।
ठाकुर ने बताया कि वर्ष 1975 से 29 अगस्त 2000 तक संचालित औपचारिकेत्तर शिक्षा योजना के तहत कार्यरत रहे तत्कालीन पर्यवेक्षकों तथा अनुदेशकों की मांग पर शासन द्वारा इनके लिए 31 अगस्त 2008 और वर्ष 2011 में गुरूजी पात्रता परीक्षा आायोजित की गई। उत्तीर्ण पर्यवेक्षकों, अनुदेशकों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग तीन के पदों पर नियुक्त किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस मामले में 5 अक्टूबर 09 से 16 जुलाई 10 तक करीब 15 बार संशोधित आदेश जारी कर संबंधित लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिससे पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद संबंधित लोगों को नियुक्ति नहीं मिल पा रही है।