वो सजदे में नहीं है, आपको धोखा हुआ होगा

shailendra gupta
राकेश दुबे@प्रतिदिन। सलमान खुर्शीद भले ही कुछ भी कहें, पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री राजा परवेज़ अशरफ को खुद समझ लेना चाहिए उनकी इस भारत यात्रा से बहुत से लोगों का दिल दुखा है, और किसी का दिल दुख कर की गई इबादत उपर वाले को कुबूल नही होती है|

जेनुल आबदीन खान बिलकुल गलत नहीं है| किसी के खानकाह पर जाने से उन्हें कोई आपति नहीं है| उनका कहना है अजमेर शरीफ के मुख्य आध्यात्मिक गुरु होने के नाते वे राजा परवेज़ अशरफ की यात्रा के दौरान वहां नहीं रहेंगे|

उन्होंने यह भी साफ किया कि एक आध्यात्मिक गुरु के नाते वे राजा परवेज़ अशरफ का स्वागत भी नहीं करेंगे| इस आपत्ति के पीछे उनका आधार और तर्क बहुत मजबूत है| जिस देश और उसके रक्षकों के लिए वे दिन रात दुआ करते है उसके विपरीत वे कोई भी कृत्य करनेवालों के लिए वो दुआ कैसे कर सकते हैं|

इसके लिए इतिहास में ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं हैदराबाद के दिलखुश नगर से अभी बारूद की गंध नहीं गई है, लहू सडक पर ताज़ा है| उन सैनिकों के परिवार भी दुआ मांग रहे है, जिनके सिर पाकिस्तान की सेना कायरों की भांति काट कर ले गई| पाकिस्तान अपने को इस्लामी देश कहता है और इस्लाम की एक मात्र और विश्व मान्य किताब सिखाती है कि, अपने पडौसी के साथ कैसे रहे| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अजमेर शरीफ जाने की जगह उन सैनिकों के परिवार से मिलते या हैदराबाद जाकर गमजदा लोगों के गम में शिरकत करते तो शायद बड़ी जियारत होती और  उनकी दुआ से इनके मसाइल हल होते|

भारत सरकार राजधर्म का पालन कर रही है और जेनुल आबदीन खान अपने आध्यात्मिक धर्म और इस्लामी दर्शन का| लेकिन सलमान खुर्शीद के बारे में विकलागों के हक मारने की खबरें अभी भी जिन्दा है, वे चुप ही रहे तो बेहतर हैं|

  • लेखक श्री राकेश दुबे प्रख्यात पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। 

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