छतरपुर/ ईओडब्ल्यू जबलपुर की टीम ने जिला मुख्यालय के सीएमएचओ कार्यालय और उद्यानिकी विभाग में हुए घोटाले की पड़ताल की। टीम ने दोनों विभागों के रिकार्ड को खंगालते हुए कुछ दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए। बुधवार की देर शाम तक शासकीय विभागों में इस कार्यवाही से हड़कंप मचा रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दो वर्ष पूर्व तत्कालीन सीएमएचओ गिरीश चंद्र चौरसिया के द्वारा 24 लाख की दवा खरीदी के मामले की ईओडब्ल्यू की टीम ने जांच पड़ताल की। ईओडब्ल्यू जबलपुर में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ चौरसिया के द्वारा नियम विरूद्ध अपनी ज्वायनिंग के कुछ क्षण बाद दवा खरीदी जाने की शिकायत की गई थी।
ईओडब्ल्यू के निरीक्षक जीएस परिहार ने सीएमएचओ कार्यालय का रिकार्ड खंगालते हुए कुछ दस्तावेज जप्त कर लिए। इसके बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने दूसरी कार्यवाही उद्यानिकी विभाग में की। यहां वर्ष 2009-10 एवं 2010-11 में 2 करोड 86 लाख की गड़बड़ी की गई थी। शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने मामले को संज्ञान में लेते हुए उद्यानिकी कार्यालय में मौजूद दस्तावेजों की जांच पड़ताल की।
निरीक्षक जी एस परिहार ने भोपालसमाचार.कॉम को बताया कि तत्कालीन सहायक संचालक शहजाद खान, विकासखंड अधिकारी आर पी मिश्रा, अवध सक्सेना ने पान कृषकों को वितरित की जाने वाली सामग्री और डीजल पंप के वितरण में व्यापक गड़बड़ी की थी। श्री परिहार के मुताबिक राशि सीधे पान किसान को डीजल पंप और पान व्यावसाय से संबंधित सामग्री खरीदे जाने के लिए उसे दी जाना थी लेकिन तत्कालीन उद्यानिकी के सहायक संचालक और दो अन्य अधिकारियों ने अपने तरीके से विभिन्न कंपनियों के सिंचाई पंप खरीदे और किसानों को थमा दिए।
इस मामले में तीनों अधिकारियों के खिलाफ शासन द्वारा निलंबन की कार्यवाही की गई थी। ईओडब्ल्यू की टीम के छतरपुर आने से जिला मुख्यालय के अन्य शासकीय कार्यालयों में हड़कंप मचा रहा।
मजेदार बात यह रही कि जिले के अधिकारी विभिन्न विभागों के अधिकारियों को मोबाइल लगाकर ईओडब्ल्यू की टीम की लोकेशन लेते रहे। देर शाम जब उद्यानिकी और सीएमएचओ कार्यालय का रिकार्ड लेकर टीम छतरपुर से कूच कर गई। तब विभागीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली।